प्रतीकात्मक तस्वीर...
कोलंबो:
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आज मांग की कि देश में गृहयुद्ध के दौरान भागते अल्पसंख्यक तमिलों से सेना द्वारा जब्त किए गए 150 किलोग्राम सोने के ठौर-ठिकाने के बारे में जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह मांग यह तथ्य सामने आने के बाद की कि इसमें से 40 किलोग्राम सोना पहले ही गायब हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि 2009 में लिट्टे के खिलाफ युद्ध के अंतिम चरण में तीन लाख भागते तमिलों से सेना ने लगभग 150 किलोग्राम सोना बरामद किया था।
उन्होंने बताया कि 30 किलोग्राम सोना सेंट्रल बैंक को दे दिया गया था और 80 किलोग्राम सोना अभी भी सेना के पास है। शेष 40 किलोग्राम सोना गायब है, हो सकता है कि यह चोरी हो गया हो।
विक्रमसिंघे ने कहा, 'हमें इसकी जांच करनी चाहिए।' उन्होंने संसद से गायब सोने के ठौर-ठिकाने के बारे में पता लगाने के लिए एक समिति गठित किए जाने का आह्वान किया। इस सोने में हार, चूड़ियां तथा अन्य आभूषण शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि 2009 में लिट्टे के खिलाफ युद्ध के अंतिम चरण में तीन लाख भागते तमिलों से सेना ने लगभग 150 किलोग्राम सोना बरामद किया था।
उन्होंने बताया कि 30 किलोग्राम सोना सेंट्रल बैंक को दे दिया गया था और 80 किलोग्राम सोना अभी भी सेना के पास है। शेष 40 किलोग्राम सोना गायब है, हो सकता है कि यह चोरी हो गया हो।
विक्रमसिंघे ने कहा, 'हमें इसकी जांच करनी चाहिए।' उन्होंने संसद से गायब सोने के ठौर-ठिकाने के बारे में पता लगाने के लिए एक समिति गठित किए जाने का आह्वान किया। इस सोने में हार, चूड़ियां तथा अन्य आभूषण शामिल हैं।
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