भारी आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) का सामना कर रहे श्रीलंका की राजधानी में हिंसक झड़प में एक सत्ताधारी पार्टी के सांसद समेत 2 लोगों के मारे जाने की खबर है और 139 लोग घायल हुए हैं. इससे पहले झड़प के कुछ देर बाद ही प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे (PM Mahinda Rajpakshe Resigned) की खबर आई थी. बड़ी झड़प के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हम्टाबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पैतृक घर में आग लगा दी. महिंदा राजपक्षे के समर्थकों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच सोमवार को हुई हिंंसक झड़प में 139 लोग घायल हुए और इन्हें अस्पताल ले जाया गया. स्थानीय पुलिस ने राजधानी कोलंबो में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू (Colombo Indefinite Curfew) लगा दिया है. सरकार के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़पों के बाद यह कर्फ्यू लगाया गया है.
स्थानीय पुलिस ने बताया कि सांसद अमरकीर्ती अथुकोराला (MP Amarakeerthi Athukorala) ने गोली चलाई थई और दो लोगों को अपनी कार से निट्टमबुवा (Nittambuwa) में ब्लॉक कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इसके बाद इन्होंने पास की एक इमारत में छिपने की कोशिश की, लेकिन फिर इन्हें मृत पाया गया.
श्रीलंका में अमेरिका की राजदूत जूली चुंग ने सोमवार को हुई इन हिंसक झड़प की निंदा की है. सरकार समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों पर धावा बोल दिया था.
#UPDATE The US envoy to Sri Lanka condemned Monday's violence against anti-government protesters as officials said at least 78 people were wounded in attacks by government supporters pic.twitter.com/RHpGfhs4Ei
— AFP News Agency (@AFP) May 9, 2022
विरोध प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakshe) के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. इन झड़पों में कम से कम 20 घायल हुए हैं. अधिकारियों के हवाले से AFP ने बताया कि कहना है कि राजपक्षे के समर्थकों ने डंडों और छड़ियों के साथ 9 अप्रेल से राष्ट्रपति के भवन के बाहर कैंप लगा कर बैठे निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हमला बोल दिया.
पुलिस ने पुलिस लाइन से आगे बढ़ कर सरकार विरोधी कैंप और दूसरे ढांचे तोड़ने वाले वाले सरकार समर्थकों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की.
विपक्ष के नेता पर सरकार समर्थकों ने कथित तौर पर हमला किया. वह गोटागोगामा में शांति पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से मिलने पहुंचे थे.
इससे पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने ये माना है कि लोगों के लगातार विरोध के बाद देश में आए राजनीतिक और आर्थिक संकट को कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है. राष्ट्रपति का कहना है कि संकट का देश के पर्यटन पर विपरीत असर पड़ा है. पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावाट आई है. कारखानों के बंद होने से पहले ही देश पर आर्थिक बोझ बढ़ गया था.
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो श्रीलंकन कैबिनेट के मंत्री प्रसन्ना रणतुंग, नलका गोदाहेवा और रमेश पथिराना ने महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफ देने के फैसला का समर्थन किया है. हालांकि, सहयोगी मंत्रियों से इतर मंत्री विमलपुरा दिसानायके ने कहा था कि देश के संकट से निपटने में महिंदा का इस्तीफा बेकार साबित होगा.
रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री सोमवार को इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं. इसके एक सप्ताह बाद कैबिनेट की फिर से गठन हो सकती है.
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