श्रीलंका (Sri Lanka) की वायुसेना (Airforce) ने मंगलवार को उन खबरों को खारिज किया, जिनमें दावा किया गया है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) फिलहाल एयर मार्शल सुदर्शन पथिराना के एक निजी मकान में रह रहे हैं. वायुसेना ने इन खबरों को बल की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा ‘दुष्प्रप्रचार' करार दिया. श्रीलंका वायुसेना (एसएलएएफ) के प्रवक्ता दुशान विजेसिंघे ने कहा कि पूर्व पुलिस अधिकारी अजीत धर्मपाल द्वारा जारी एक वीडियो में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति राजपक्षे पथिराना के घर पर रह रहे हैं.
‘द डेली मिरर' के मुताबिक, विजेसिंघे ने कहा, “इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. और ये श्रीलंकाई वायुसेना की छवि को खराब करने के लिए एक दुष्प्रचार भर हैं.”
वहीं, पथिराना ने भी सोशल मीडिया पर जारी इन अटकलों का खंडन किया कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने उनके निजी मकान में शरण ले रखी है. एसएलएएफ प्रमुख ने कहा कि राजपक्षे को शरण देने से संबंधित खबरें भ्रामक हैं और इनका मकसद जनता के बीच उनके और देश की वायुसेना के प्रति गुस्सा पैदा करना है.
पथिराना के घर में राजपक्षे की मौजूदगी की अटकलें सोमवार रात को तब शुरू हुईं, जब राष्ट्रपति कथित तौर पर दुबई जा रही विमानन कंपनी एमिरेट्स की एक उड़ान में सवार होने के लिए कोलंबो हवाईअड्डे पर पहुंचे.
बताया जा रहा है कि आव्रजन अधिकारियों के गोटबाया के छोटे भाई एवं पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे के देश छोड़ने पर आपत्ति जताने के बाद राष्ट्रपति हवाईअड्डे के पास स्थित वायुसेना के प्रतिष्ठान में रुके थे.
संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने के कार्यालय ने मंगलवार को मीडिया में प्रकाशित उन खबरों का खंडन किया कि मुश्किलों से घिरे गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर भाग गए हैं। उसने कहा कि राष्ट्रपति अभी भी देश में ही हैं.
बीते शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए राजपक्षे शुक्रवार को ही अज्ञात स्थान पर चले गए थे. तब से उनके संभावित ठिकाने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
संसद अध्यक्ष के कार्यालय ने कहा, “ऐसी अटकलें महिंदा यापा अभयवर्धने द्वारा की गई गलती के बाद शुरू हुई थीं, जिन्होंने कहा था कि राजपक्षे ने देश छोड़ दिया है, लेकिन वह इस्तीफा देने के लिए बुधवार तक वापस आ जाएंगे. अभयवर्धन ने बाद में अपनी गलती सुधारी.”
73 वर्षीय गोटबाया राजपक्षे ने शनिवार को संसद अध्यक्ष को सूचित किया था कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजपक्षे ने सोमवार को अपने त्यागपत्र पर दस्तखत कर दिए थे, जिस पर 13 जुलाई की तारीख दर्ज है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि त्यागपत्र बाद में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को सौंप दिया गया, जो इसे संसद के अध्यक्ष तक पहुंचाएंगे.
अभयवर्धने ने सोमवार को घोषणा की थी कि श्रीलंकाई संसद 20 जुलाई को राजपक्षे के स्थान पर नए राष्ट्रपति का चयन करेगी.
लगभग 2.2 करोड़ आबादी वाला द्वीपीय देश श्रीलंका अभूतपूर्ण आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहां खाद्य वस्तुओं, दवाओं, ईंधन और अन्य जरूरी सामानों की भारी किल्लत हो गई है.
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