
सोल:
दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति मून जे इन ने चुनाव में मिली भारी जीत के एक दिन बाद आज शपथ ग्रहण की. शपथ लेने के ठीक बाद उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच प्योंगयांग जाने की इच्छा जताई.
वाम रूझान वाले मून पहले मानवाधिकार क्षेत्र के वकील थे. हाल के हफ्तों में ट्रंप प्रशासन के धमकी भरे रवैये के बावजूद मून अमन की खातिर प्योंगयांग के साथ संबंध रखने के समर्थक हैं.
सोल के नेशनल असेंबली भवन में शपथ ग्रहण के बाद मून ने सांसदों से कहा, ‘जरूरत पड़ी तो मैं तत्काल वॉशिंगटन के लिए रवाना हो जाउंगा. मैं बीजिंग और तोक्यो और उचित परिस्थितियों में यहां तक कि प्योंगयांग भी जाउंगा. ’ उत्तर कोरिया से संपर्क साधने का कूटनीतिक रास्ता मून के लिए मुश्किल भरा रहने वाला है. उनके सामने कई घरेलू चुनौतियां भी हैं.
मून ने कहा, ‘मैं सबका राष्ट्रपति बनूंगा. उनकी भी सेवा करूंगा जिन्होंने मेरा समर्थन नहीं किया.
वाम रूझान वाले मून पहले मानवाधिकार क्षेत्र के वकील थे. हाल के हफ्तों में ट्रंप प्रशासन के धमकी भरे रवैये के बावजूद मून अमन की खातिर प्योंगयांग के साथ संबंध रखने के समर्थक हैं.
सोल के नेशनल असेंबली भवन में शपथ ग्रहण के बाद मून ने सांसदों से कहा, ‘जरूरत पड़ी तो मैं तत्काल वॉशिंगटन के लिए रवाना हो जाउंगा. मैं बीजिंग और तोक्यो और उचित परिस्थितियों में यहां तक कि प्योंगयांग भी जाउंगा. ’ उत्तर कोरिया से संपर्क साधने का कूटनीतिक रास्ता मून के लिए मुश्किल भरा रहने वाला है. उनके सामने कई घरेलू चुनौतियां भी हैं.
मून ने कहा, ‘मैं सबका राष्ट्रपति बनूंगा. उनकी भी सेवा करूंगा जिन्होंने मेरा समर्थन नहीं किया.
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