सिंगापुर की जानी मानी भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना राठी कार्तिगेसु का निधन हो गया. वो 87 वर्ष की थीं. सिंगापुर में एक प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखने वाली भरतनाट्यम नृत्यांगना राठी ने सोमवार को अंतिम सांस ली. उनके परिवार में उनके पुत्र आनंद कार्तिगेसु हैं, जो पेशे से वकील हैं.
राठी का विवाह सिंगापुर के शीर्ष अपीली न्यायाधीशों में शामिल मुतातम्बी कार्तिगेसु से हुआ था. मुतातम्बी का 1999 में 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. मुतातम्बी के निधन के कुछ ही सप्ताह बाद उनकी बेटी शरमिणी (39) का भी देहांत हो गया. उनके 48 वर्षीय बेटे सुरेश ने 2006 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
राठी पूर्व वरिष्ठ मंत्री थरमन षणमुगरत्नम की रिश्तेदार थीं. पूर्व सांसद पी. सेल्वादुरई उनके भाई हैं. सेल्वादुरई ने 2001 में ‘द संडे टाइम्स' से एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि उनकी बहन के कारण भारतीय शास्त्रीय कला को बढ़ावा देने में उनकी रुचि पैदा हुई.
‘सिंगापुर इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी' ने राठी को श्रद्धांजलि अर्पित की. राठी ने कुछ समय के लिए इसमें उपाध्यक्ष के तौर पर सेवाएं दी थीं. सिंगापुर के ‘श्रुतिलय स्कूल ऑफ डांस' की निदेशक गायत्री श्रीराम ने बताया कि वह 1995-96 के आसपास राठी से मिली थीं और भरतनाट्यम में रुचि होने के कारण दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ गई.
‘द स्ट्रेट्स टाइम्स' ने श्रीराम के हवाले से कहा, ‘‘सिंगापुर में भारतीय नृत्य में रुचि रखने वाले लोगों पर राठी का गहरा प्रभाव रहा है. उन्होंने उस समय नृत्य करना शुरू किया ,जब खास तौर पर विवाहित महिलाओं को भरतनाट्यम में पेशेवर कलाकार नहीं माना जाता था. उन्होंने अपने विवाह के बाद भी नृत्य करना जारी रखा और वह हम में से कई लोगों के लिए एक आदर्श बन गईं.''
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