सिंगापुर के एक मंत्री ने मंगलवार को संसद में कहा कि सिंगापुर ने अगर कोविड-19 महामारी के कारण भारत और इंडोनेशिया से आने वाले लोगों के लिए अपनी सीमाएं बंद कीं तो इसका देश के लोगों पर व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक असर पड़ेगा. वरिष्ठ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कोह पोह कून ने सांसदों को बताया कि इस प्रतिबंध का असर यह होगा कि सिंगापुरवासियों को अपने मकान नहीं मिल पाएंगे और विदेशी कामगारों को सेवा पर रखने में देरी के कारण परिवारों को अपने प्रियजनों की देखभाल के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने होंगे.
भारत और इंडोनेशिया उन देशों में शामिल हैं जहां से बड़ी संख्या में लोग निर्माण क्षेत्र में काम करने और बुजुर्गों तथा कामकाजी लोगों के बच्चों की देखभाल में मदद के लिए घरेलू कामगार के रूप में सिंगापुर आते हैं.
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‘टुडे' अखबार ने डॉ. कोह के हवाले से कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो जाएगी और कई लोगों का जीवन इससे प्रभावित होगा. इन दोनों देशों से सिंगापुर आने वाले लोगों में से कुछ हमारे अपने नागरिक और उनके करीबी रिश्तेदार हैं, जो उनसे मिलने के लिए देश आते हैं.'
दरअसल मंत्री उस संसदीय प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि सरकार भारत और इंडोनेशिया के लिए अपनी सीमाएं बंद क्यों नहीं कर रही है, जबकि इन दोनों देशों से आने वाले लोगों में संक्रमण के मामले अधिक हैं. हाल के महीनों में कोविड-19 के अधिकतर मामले यहां काम करने के लिए आने वाले विदेशियों में देखे गए. इनमें से अधिकतर चीन, इंडोनेशिया, भारत और मलेशिया से थे.
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