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'अमेरिका ने बांग्लादेश में तख्तापलट कराया, ऐसा कोई सबूत नहीं': NDTV से शेख हसीना

Sheikh Hasina's Exclusive Interview: छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना के 15 साल के शासन का अंत हो गया. उन्हें 5 अगस्त, 2024 को इस्तीफा देने और बांग्लादेश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

'अमेरिका ने बांग्लादेश में तख्तापलट कराया, ऐसा कोई सबूत नहीं': NDTV से शेख हसीना
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो)
  • शेख हसीना ने अमेरिका द्वारा बांग्लादेश में सरकार उखाड़ने के लिए समर्थन देने के आरोपों को खारिज किया है
  • हसीना के अनुसार अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस की राजनीतिक लोकप्रियता पश्चिमी उदारवादियों के बीच अब कम हो गई है
  • बांग्लादेश में 15 साल के हसीना के शासन का अंत छात्र आंदोलनों के बाद हुआ और उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी
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क्या बांग्लादेश में पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने के पीछे अमेरिका का हाथ था? 15 महीने पहले जब बांग्लादेश में हिंसक छात्र आंदोलने के बाद शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ, शेख हसीना को भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी तो ठीक यही सवाल उठे थे. लेकिन NDTV के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में शेख हसीना ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया जिसके अनुसार अमेरिका ने उन समूहों को अपना सपोर्ट दिया है जिन्होंने बांग्लादेश में शासन परिवर्तन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. 

शेख हसीना का मानना है कि बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की एक समय अमेरिका के राजनीति गलियारे में तारीफ की जाती थी, लेकिन पिछसे 15 महीने के शासन में जिस तरह देश के लोकतांत्रिक बुनियादी ढांचे को खत्म किया गया है, उससे पश्चिमी उदारवादियों के बीच यूनुस की लोकप्रियता प्रभावित हुई है.

गौरतलब है कि छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना के 15 साल के शासन का अंत हो गया. उन्हें 5 अगस्त, 2024 को इस्तीफा देने और बांग्लादेश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था. 78 वर्षीय हसीना तब से भारत में ही हैं.

एनडीटीवी से बात करते हुए शेख हसीना ने कहा, "मैंने ऐसा कोई निर्णायक सबूत नहीं देखा है जिसके आधार पर कहा जाए कि पिछली गर्मी में बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उसके पीछे विदेशी शक्तियों का कोई प्रभाव था. मुझे पता है कि अमेरिकी राजनीतिक हलकों में कई लोगों ने यूनुस की आर्थिक उपलब्धियों की तारीफ की और गलती से इन्हें राजनीतिक कौशल के साथ जोड़ दिया."

शेख हसीना ने कहा, "अब जब वे यूनुस को अपने मंत्रिमंडल में कट्टरपंथी चरमपंथियों को जगह देते, बांग्लादेश के लोकतांत्रिक बुनियादी ढांचे को नष्ट करते और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करते देखा है, तो मुझे लगता है कि वह अब पश्चिमी उदारवादियों के बीच इतने लोकप्रिय नहीं हैं."

हसीना ने कहा कि एक स्थिर, लोकतांत्रिक बांग्लादेश से हम सभी को लाभ होता है. उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि लोकतंत्र को महत्व देने वाला कोई भी देश हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करने की हमारी लड़ाई में हमारा समर्थन करेगा."

गौरतलब है कि हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से, बांग्लादेश में समय-समय पर हिंसा देखी गई है, खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ. अंतरिम सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों और वरिष्ठ नेताओं की युद्ध अपराध जांच का हवाला देते हुए मई में हसीना की पार्टी, अवामी लीग का रजिस्ट्रेशन भी निलंबित कर दिया और उसकी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया.

यह भी पढ़ें: शेख हसीना पर आज आने वाले कोर्ट के फैसले से पहले ढाका में बवाल, हिंसा करने वालों को गोली मारने के आदेश

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