पाकिस्तान (Pakistan) की नेशनल असेंबली के विशेष सत्र में आज नए प्रधानमंत्री (Pakistani New Prime Minister) का चुनाव गया. शहबाज शरीफ (Shebaz Sharif) निर्विरोध पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए, इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया. इससे पहले विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ( Pakistan Muslim League-Nawaz (PML-N) President Shahbaz Sharif) ने रविवार को खुद को प्रधानमंत्री (PM) पद के लिए नामित किया था. शहबाज शरीफ तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ के भाई हैं. लेकिन शहबाज शरीफ के सामने होंगी ये बड़ी चुनौतियां :-
1. भ्रष्टाचार के आरोप : पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था, "एक ऐसा व्यक्ति जिसपर 16 बिलियन पाकिस्तानी रुपए के भ्रष्टाचार का मामला हो. उसे अगर पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया जाता है तो इससे बढ़कर पाकिस्तान के लिए बेइज्जती की बात नहीं होगी." पाकिस्तान के बड़े भाई नवाज़ शरीफ पनामा पेपर मामले में नाम आने के बाद भ्रष्टाचार के मामले का सामना कर रहे थे. नवाज़ शरीफ इलाज कराने के लिए चार हफ्ते की मंजूरी लेकर लंदन गए थे, जहां से वो अभी तक नहीं लौटे.
2. लटकी गिरफ्तारी की तलवार : पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने से पहले शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शहबाज (Shehbaz Sharif and his son Hamza Shehbaz) के खिलाफ एक मनी लॉन्ड्रिंग का हाई प्रोफाइल मामला चल रहा है. सोमवार को अदालत ने इस अभियोग को 27 अप्रेल तक टाल दिया. साथ ही सोमवार को शहबाज शरीफ की गिरफ्तारी से पहले की बेल का समय भी 27 अप्रेल तक टाल दिया गया. लेकिन इससे शहबाज के सिर से गिरफ्तारी का खतरा टला नहीं है. पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (Federal Investigation Agency , FIA) की अदालत ने सोमवार को शहबाज शरीफ को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से भी छूट दे दी थी.
3. पाकिस्तान में चुनाव का मुद्दा : पाकिस्तान में अगले चुनाव नवंबर तक करवाए जा सकते हैं. सदन में अविश्वास प्रस्ताव में हारने के बाद इमरान खान को आम जनता की सहानुभूति मिल रही है. अगर अगले चुनावों में फिर से जनता का वोट इमरान खान की पार्टी को मिलता है तो यह शहबाज शरीफ के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है.
4. पाकिस्तान में विपक्षी एकता टूटने का खतरा : फिलहाल 13 पार्टियों के विपक्षी गठबंधन ने निर्विरोध तौर से शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया है लेकिन विपक्षी पार्टियों के आपस में भी कई मतभेद हैं. इमरान के सत्ता से जाने के बाद और PML-N के अध्यक्ष शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सत्ता के बंटवारे को लेकर यह मतभेद उभर सकते हैं.
5. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था : पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान पर बढ़ता विदेशी कर्ज और बढ़ती महंगाई रहा. यह विपक्ष का सबसे बड़ा हथियार था. शहबाज़ शरीफ के लिए पाकिस्तान की जर्जर अर्थव्यस्था संभालना बड़ी चुनौती साबित होगा. पाकिस्तान इस समय FATF की ग्रे लिस्ट में है, जिसे लेकर इमरान कई सख्त कदम उठा रहे थे. इमरान खान की सरकार में IMF से भी पाकिस्तान को कर्ज की किश्त मिलनी थी, अब वो योजना भी अधर में लटक गई है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं