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This Article is From Sep 06, 2014

पाकिस्तान का शासन चलाना आसान नहीं: पीएम नवाज शरीफ

पाकिस्तान का शासन चलाना आसान नहीं: पीएम नवाज शरीफ
फाइल फोटो
इस्लामाबाद:
पिछले तीन हफ्ते से ज्यादा वक्त से जारी सियासी उथल-पुथल के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज कहा कि पाकिस्तान का शासन चलाना 'आसान नहीं' है। उन्होंने गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई कई दौर की बातचीत नाकाम हो जाने के बाद संसद में सभी दलों का समर्थन मांगा।
 
प्रधानमंत्री के समर्थन और सियासी संकट पर चर्चा के लिए बुलाई गई संसद के आपातकालीन संयुक्त सत्र के चौथे दिन शरीफ ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि विपक्ष सरकार को समर्थन देने के अपने रास्ते पर चलना जारी रखेगा।' गौरतलब है कि सियासी संकट की वजह से चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पाकिस्तान का अपना पहला दौरा रद्द करना पड़ा है।
 
विरोध प्रदर्शनों के बीच संसदीय दलों में 'एकता' की अपील करते हुए शरीफ ने कहा, 'विपक्ष ने मुझे इस्तीफा न देने का अनुरोध किया..मुझे सत्ता की परवाह नहीं है...पाकिस्तान का प्रधानमंत्री होने के नाते पाकिस्तान का शासन चलाना आसान नहीं है।'
 
सरकार और इमरान खान की अगुवाई वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और धर्मगुरु ताहिर उल-कादरी के पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) से संबंधित प्रदर्शनकारी समूहों के बीच रात भर चली बातचीत नाकाम होने के बाद शरीफ ने यह बयान दिया है। पीटीआई और पीएटी की प्रमुख मांग यह है कि शरीफ प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें।
 
पीटीआई की वार्ता टीम में शामिल एक प्रमुख सदस्य ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी सरकार के साथ एक करार कर राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के करीब पहुंच गई थी।
 
पीटीआई के नेता आरिफ अलवी ने 'डॉन न्यूज' को बताया, 'दोनों पक्ष चुनाव सुधारों और एक न्यायिक आयोग के गठन के हमारे प्रस्तावों पर सहमत हुए हैं। हमारी बाकी मांगों पर कोई प्रगति नहीं हुई है।' सरकार की वार्ता टीम ने आज पीटीआई की टीम से मुलाकात की पर दोनों पक्षों से बात बनने के कोई संकेत नहीं मिले।
 
वहीं गतिरोध जारी रहने के बीच शरीफ ने कहा, 'मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की जगह अगर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सरकार होती और हम विपक्ष में होते तो हम पीपीपी के साथ खड़े होते।' शरीफ ने कहा, 'उस एकता पर...संविधान, लोकतंत्र एवं कानून के शासन पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए... सभी दलों को उदाहरण पेश करना चाहिए।'
 
आंतरिक मंत्री चौधरी निसार और विपक्षी नेता ऐतजाज अहसन के बीच हुई जुबानी बहस के बाद शरीफ ने विपक्ष को फिर से अपने साथ लाने की पुरजोर कोशिश की। निसार ने पीपीपी के नेता अहसन पर पाकिस्तान के सबसे बड़े जमीन माफिया समूह का प्रवक्ता होने का आरोप लगाया था।
 
शरीफ ने अहसन और नेता प्रतिपक्ष खुर्शीद शाह से यह कहते हुए माफी मांगी कि सभी दलों को अपने मतभेद दरकिनार करने की जरूरत है।
 
इस बीच, अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने दोहराया कि वह शरीफ के इस्तीफे तक इस्लामाबाद नहीं छोड़ेंगे। पीटीआई प्रमुख ने कहा, 'अगर चीनी राष्ट्रपति ने अपना दौरा टाल दिया है तो इसमें मेरा कसूर नहीं है।' उन्होंने इस आरोप को नकार दिया कि खान के प्रदर्शनों की वजह से चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा टीम ने उन्हें मंजूरी नहीं दी।

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