इस मामले में कोर्ट ने भारतीय राजनयिक को लिखित माफीनामा अदालत में जमा करने का आदेश दिया.
इस्लामाबाद:
एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को शुक्रवार को उस समय माफी मांगनी पड़ी, जब वह इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक पाकिस्तानी व्यक्ति द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में फोटो खींच रहे थे. मीडिया की खबर में बताया गया है कि ताहिर अली नामक जिस व्यक्ति ने मुकदमा दायर किया है, उस पर एक भारतीय महिला को बंदूक दिखाकर विवाह करने के लिए बाध्य करने का आरोप है.
अधिकारी की पहचान पीयूष सिंह के तौर पर हुई है और वह इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव है. आरोप है कि उन्होंने तीन तस्वीरें लीं, जिनमें से एक तस्वीर न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी की है. ताहिर ने अपनी भारतीय पत्नी उजमा से मिलने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के अनुसार, जब अदालत कक्ष के अधिकारी न्यायाधीश के ध्यान में यह मामला लाए तो न्यायाधीश ने सिंह का सेलफोन जब्त करने के आदेश दिए.
इस घटना को अदालत की नियमावली का गंभीर उल्लंघन बताते हुए न्यायाधीश ने भारतीय राजनयिक को लिखित माफीनामा अदालत में जमा करने का आदेश दिया. इससे पहले सिंह ने कथित घटना को लेकर मौखिक माफी मांगी थी... फिर उन्होंने लिखित में माफी मांगी. अदालत ने उनकी माफी स्वीकार कर ली और भविष्य में उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा.
सिंह की तरफ से एक बयान में कहा गया कि 'मैं अदालत में भूल से मोबाइल का उपयोग करने की कोशिश के लिए पूरी तरह माफी मांगता हूं. यह अनुरोध किया जाता है कि मुझे इसके लिए माफ किया जाए'. दिल्ली निवासी उजमा ने आठ मई को इस्लामाबाद की अदालत में अली के खिलाफ एक मामला दायर किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि अली की ओर से उसका उत्पीड़न और उन्हें प्रताड़ित किया गया है.
उजमा एक मई को पाकिस्तान पहुंची और तीन मई को अली से विवाह करने के लिए पश्चिमोत्तर प्रांत खबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले में गई. बताया जाता है कि उजमा और अली की मुलाकात मलेशिया में हुई थी, जहां ताहिर कैब चालक था. इस मामले ने भारत और पाकिस्तान दोनों ओर ध्यान आकृष्ट किया है.
(इनपुट भाषा से)
अधिकारी की पहचान पीयूष सिंह के तौर पर हुई है और वह इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव है. आरोप है कि उन्होंने तीन तस्वीरें लीं, जिनमें से एक तस्वीर न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी की है. ताहिर ने अपनी भारतीय पत्नी उजमा से मिलने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के अनुसार, जब अदालत कक्ष के अधिकारी न्यायाधीश के ध्यान में यह मामला लाए तो न्यायाधीश ने सिंह का सेलफोन जब्त करने के आदेश दिए.
इस घटना को अदालत की नियमावली का गंभीर उल्लंघन बताते हुए न्यायाधीश ने भारतीय राजनयिक को लिखित माफीनामा अदालत में जमा करने का आदेश दिया. इससे पहले सिंह ने कथित घटना को लेकर मौखिक माफी मांगी थी... फिर उन्होंने लिखित में माफी मांगी. अदालत ने उनकी माफी स्वीकार कर ली और भविष्य में उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा.
सिंह की तरफ से एक बयान में कहा गया कि 'मैं अदालत में भूल से मोबाइल का उपयोग करने की कोशिश के लिए पूरी तरह माफी मांगता हूं. यह अनुरोध किया जाता है कि मुझे इसके लिए माफ किया जाए'. दिल्ली निवासी उजमा ने आठ मई को इस्लामाबाद की अदालत में अली के खिलाफ एक मामला दायर किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि अली की ओर से उसका उत्पीड़न और उन्हें प्रताड़ित किया गया है.
उजमा एक मई को पाकिस्तान पहुंची और तीन मई को अली से विवाह करने के लिए पश्चिमोत्तर प्रांत खबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले में गई. बताया जाता है कि उजमा और अली की मुलाकात मलेशिया में हुई थी, जहां ताहिर कैब चालक था. इस मामले ने भारत और पाकिस्तान दोनों ओर ध्यान आकृष्ट किया है.
(इनपुट भाषा से)
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