भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी की नियुक्ति की प्रक्रिया अमेरिकी सीनेट से मंजूरी मिलने के एक कदम और आगे बढ़ गई है. ये पद पिछले दो साल से खाली है. सीनेट ने 'क्लोचर मोशन' अपनाया, जो दर्शाता है कि सत्तारूढ़ डेमोक्रेट्स को इस संबंध में बहुमत हासिल है. 'क्लोचर' एक सीनेट प्रक्रिया है जो लंबित प्रस्ताव पर विचार के लिए समय को सीमित करती है.
सीनेट में बहुमत के नेता सीनेटर चक शूमर ने यह कदम सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़े मामलों की समिति के बुधवार को गार्सेटी के नामांकन को 8 के मुकाबले 13 मतों से मंजूरी देने के एक दिन बाद उठाया.
52 साल के गार्सेटी लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सबसे पहले उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था. अमेरिकी संसद में इस प्रतिष्ठित पद के लिए उनका नामांकन तभी से लंबित है.
सीनेट के एक क्लर्क ने गुरुवार दोपहर भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में गार्सेटी के नामांकन को सीनेट के पटल पर पेश किया. शूमर ने कहा, "मैं क्लोचर मोशन को अग्रसारित करता हूं."
गौरतलब है कि जो बाइडन के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरुआती दो सालों में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे. बाइडन ने इस जनवरी में गार्सेटी को दोबारा इस पद के लिए नामित किया था.
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