खाड़ी तेल दिग्गज सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने रविवार को मध्य पूर्व के देशों के साथ तेल उत्पादन (Oil Production) में समन्वित कटौती का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने इसे बाजार स्थिरता के उद्देश्य से 'एहतियाती उपाय' बताया है. आधिकारिक मीडिया द्वारा जारी बयानों में उन्होंने कहा कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत द्वारा तेल उत्पादन में कुल 7,72,000 बैरल प्रति दिन की कटौती की जाएगी, जो इसी साल मई से प्रभावी होगी और इस साल के आखिर तक जारी रहेगी.
सऊदी अरब ने कहा है कि वह मई से 2023 के अंत तक तेल उत्पादन में प्रतिदिन पांच लाख बैरल की कटौती करेगा. अल्जीरिया ने उसी समय-सीमा में 48,000 बैरल प्रति दिन की "स्वैच्छिक" कटौती की घोषणा की है. साथ ही इराक भी इसका अनुसरण करेगा.
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने कहा कि सऊदी ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी ने "जोर दिया कि यह एक एहतियाती उपाय है जिसका उद्देश्य तेल बाजार की स्थिरता का समर्थन करना है."
तेल उत्पादन में कमी 2020 में कोविड महामारी के पीक के बाद की उन सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है जो मुद्रास्फीति को और बढ़ा सकता है और केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरों में और भी अधिक वृद्धि करने के लिए प्रेरित कर सकता है.
गौरतलब है कि सऊदी अरब के इस कदम से तेल कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे रियाद और अमेरिका के रिश्तों में और तनाव आ सकता है. यूक्रेन-रूस के युद्ध के चलते पूरी दुनिया मुद्रास्फीति का सामना कर रही है.
सऊदी अरब और अन्य ओपेक सदस्यों ने पिछले साल तेल उत्पादन में कमी कर अमेरिकी सरकार को नाराज कर दिया था. उस वक्त अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने वाले थे और महंगाई प्रमुख चुनावी मुद्दा था.
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