- सऊदी अरब ने दक्षिणी यमन के मुकल्ला में बमबारी कर अलगाववादी समूह STC के लिए हथियारों की खेप को निशाना बनाया
- सऊदी ने UAE को चेतावनी दी कि यमन में अलगाववादियों को उसका समर्थन क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है
- यमन की हौथी विरोधी ताकतों ने आपातकाल घोषित कर 72 घंटे के लिए सभी एंट्री प्वाइंट पर प्रतिबंध लगाया
सऊदी अरब ने मंगलवार, 30 दिसंबर को दक्षिणी यमन के मुकल्ला पर बमबारी कर दी. दरअसल हाल ही में यमन के बड़े क्षेत्र में अलगावादी समूह सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) ने हमला किया है, अपने कब्जे वाले क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश की है. अब सऊदी ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को चेतावनी दी कि यमन में अलगाववादियों को उसका समर्थन "बेहद खतरनाक" है. सऊदी अरब ने बमबार करते हुए कहा कि यहां UAE ने अलगावादी गुट STC के लिए हथियारों की खेप भेजी थी और उसने उसी खेप को निशाना बनाया है.
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार हमले के बाद एख सैन्य बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया कि UAE के पूर्वी तट पर एक बंदरगाह शहर फुजैराह से निकलकर यह जहाज वहां पहुंचा था. इसमें कहा गया है, "जहाजों के चालक दल के पास जहाजों पर निष्क्रिय ट्रैकिंग उपकरण थे, और उन्होंने STC की सेनाओं के लिए बड़ी मात्रा में हथियार और लड़ाकू वाहन उतारे थे."
यमन में अलगावादी गुट STC की हाल में कई इलाके अपने कब्जे में लिए हैं और सऊदी के विदेश मंत्रालय के बयान में UAE को सीधे इससे जोड़ा गया है. सऊदी ने अब बमबारी करके UAE को सीधी चेतावनी दे दी है. सऊदी का यह हमला यमन और STC की अलगाववादी ताकतों के बीच तनाव में एक नई वृद्धि का संकेत देता है. STC को अमीरात (यानी UAE) का समर्थन प्राप्त है. इससे सऊदी और UAE के बीच संबंधों में भी तनाव आ गया है.
यमन में आपातकाल की घोषणा
यमन की हौथी विरोधी ताकतों (जिसका यमन पर अभी कंट्रोल है) ने मंगलवार को आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी. इसने सऊदी अरब द्वारा अनुमति प्राप्त सीमा को छोड़कर, अपने कब्जे वाले क्षेत्र में सभी बॉर्डर, साथ ही एयरपोर्ट और बंदरगाहों में प्रवेश पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है.
बता दें कि मुकल्ला यमन के हद्रामाउट गवर्नरेट में है, जिसे STC ने हाल के दिनों में अपने कब्जे में लिया था. यह बंदरगाह शहर यमन के अदन से लगभग 480 किलोमीटर (300 मील) उत्तर-पूर्व में है. अदन 2014 में विद्रोहियों द्वारा यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने के बाद यमन में हूती विरोधी ताकतों के लिए सत्ता का केंद्र रहा है.
एक बंटा हुआ यमन
STC शुरू में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा था जिसने 2015 में हूती के खिलाफ यमन में हस्तक्षेप किया था. लेकिन बाद में यह समूह दक्षिणी यमन में खुद शासन करने लगा. 2022 से, STC ने सऊदी के समर्थन वाले व्यवस्था के तहत हूती क्षेत्रों के बाहर दक्षिणी क्षेत्रों को नियंत्रित किया है. हालांकि हाल के सप्ताहों में, STC ने लालच दिखाना शुरू कर दिया है. उसने अन्य सरकारी बलों और उनके सहयोगियों को खदेड़ते हुए देश के बड़े हिस्से में धावा बोल दिया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं