सरताज अजीज की फाइल फोटो
इस्लामाबाद:
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अहम एनएसए वार्ता शुरू होने से कुछ ही घंटों पहले रद्द हो गई। पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है कि वार्ता के पाक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारत नहीं जाएंगे।
पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने सुषमा स्वराज की बताई शर्तों का 'गहराई से अध्ययन' किया और इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि भारतीय विदेशमंत्री की ओर से रखी गई दोनों शर्तों के आधार पर दोनों देशों की प्रस्तावित एनएसए वार्ता होती है, तो इससे कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
पाकिस्तान के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत ने कोई शर्त नहीं रखी। हमने सिर्फ़ दोहराया कि पाकिस्तान शिमला और उफ़ा समझौते के तहत तय बातों का सम्मान करे।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को शनिवार रात तक का वक्त देते हुए उससे हुर्रियत से मुलाकात या कश्मीर पर बात ना करने का आश्वासन मांगा था। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया था कि पाक अगर इन दो मुद्दों पर आश्वासन नहीं देता, तो राजधानी दिल्ली में रविवार को होने वाली अहम वार्ता नहीं होगी। (सुषमा बोलीं - आज रात तक बताए पाक, वरना वार्ता रद्द)
विदेश मंत्री पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज द्वारा इससे पहले दिन में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ता के लिए भारत जाने के इच्छुक थे। अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के साथ उनकी आतंकवाद संबंधी मुद्दों पर वार्ता दिल्ली में सोमवार को होनी थी। (पढ़ें - सरताज अजीज की कही दस अहम बातें)
सुषमा स्वराज का कहना है कि अगर शिमला समझौते और उफा में बनी सहमति की भावना का सम्मान करते हुए पाकिस्तान आतंकवाद पर बातचीत चाहता है और हुर्रियत से बातचीत न करे, तो भारत वार्ता को राजी है। अगर पाक ये दोनों शर्तें मानता है तो वह आज रात तक जवाब दे। इसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बातचीत शुरू हो जाएगी।'
पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा एनएसए स्तर की पहली वार्ता से पहले अजीज से मुलाकात के लिए अलगाववादी नेताओं को आमंत्रण देने से भारत नाराज था। एनएसए स्तर की वार्ता पर दोनों पक्षों के बीच जुलाई में रूस के उफा में सहमति बनी थी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने इस दिशा में आगे बढ़ने पर हामी भरी थी।
पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने सुषमा स्वराज की बताई शर्तों का 'गहराई से अध्ययन' किया और इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि भारतीय विदेशमंत्री की ओर से रखी गई दोनों शर्तों के आधार पर दोनों देशों की प्रस्तावित एनएसए वार्ता होती है, तो इससे कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
पाकिस्तान के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत ने कोई शर्त नहीं रखी। हमने सिर्फ़ दोहराया कि पाकिस्तान शिमला और उफ़ा समझौते के तहत तय बातों का सम्मान करे।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को शनिवार रात तक का वक्त देते हुए उससे हुर्रियत से मुलाकात या कश्मीर पर बात ना करने का आश्वासन मांगा था। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया था कि पाक अगर इन दो मुद्दों पर आश्वासन नहीं देता, तो राजधानी दिल्ली में रविवार को होने वाली अहम वार्ता नहीं होगी। (सुषमा बोलीं - आज रात तक बताए पाक, वरना वार्ता रद्द)
विदेश मंत्री पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज द्वारा इससे पहले दिन में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ता के लिए भारत जाने के इच्छुक थे। अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के साथ उनकी आतंकवाद संबंधी मुद्दों पर वार्ता दिल्ली में सोमवार को होनी थी। (पढ़ें - सरताज अजीज की कही दस अहम बातें)
सुषमा स्वराज का कहना है कि अगर शिमला समझौते और उफा में बनी सहमति की भावना का सम्मान करते हुए पाकिस्तान आतंकवाद पर बातचीत चाहता है और हुर्रियत से बातचीत न करे, तो भारत वार्ता को राजी है। अगर पाक ये दोनों शर्तें मानता है तो वह आज रात तक जवाब दे। इसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बातचीत शुरू हो जाएगी।'
पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा एनएसए स्तर की पहली वार्ता से पहले अजीज से मुलाकात के लिए अलगाववादी नेताओं को आमंत्रण देने से भारत नाराज था। एनएसए स्तर की वार्ता पर दोनों पक्षों के बीच जुलाई में रूस के उफा में सहमति बनी थी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने इस दिशा में आगे बढ़ने पर हामी भरी थी।
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