- सलमान खान की फिल्म बैटल ऑफ गलवान के टीजर पर चीन को मिर्ची लगी है, वहां के एक्सपर्ट ने आपत्ति जताई है
- फिल्म के ट्रेलर में सलमान खान भारतीय सेना के कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू की भूमिका निभाते हुए दिखाए गए हैं
- चीन के विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया दी है कि कोई फिल्म किसी देश के क्षेत्रीय पवित्रता को प्रभावित नहीं कर सकती
सलमान खान की आने वाली फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' के ट्रेलर पर चीन में बवाल शुरू हो गया है. भाईजान की यह फिल्म भारत और चीन के बीच गलवान झड़प पर बनी है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी ड्रामा कितना भी "अति-उत्साही" क्यों न हो, उससे किसी देश (चीन) का पवित्र क्षेत्र कभी भी किसी फिल्म से प्रभावित नहीं होगा. दरअसल 'बैटल ऑफ गलवान' फिल्म 2020 में गलवान क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़पों पर आधारित है और अप्रैल 2026 में रिलीज होने वाली है. इसका ट्रेलर 27 दिसंबर को सलमान खान द्वारा जारी किया गया था.
‘बैटल ऑफ गलवान' का निर्देशन अपूर्व लाखिया ने किया है. फिल्म निर्माताओं ने फिल्म का टीजर जारी कर यह खबर साझा की, जिसमें भाईजान को भारतीय सेना के एक अधिकारी की भूमिका में दिखाया गया है. सलमान ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर भी टीजर अपलोड किया था.
टीजर की शुरुआत सलमान खान की दमदार आवाज से होती है, जिसमें वह कहते हैं , “जख्म लगे तो मेडल समझना और मौत दिखे तो सलाम करना... और कहना- जय बजरंग बली! बिरसा मुंडा की जय! भारत माता की जय!”
टीजर में सलमान कठिन पहाड़ी इलाकों में लड़ते नजर आते हैं, जहां बर्फीली हवाएं और ऊंचाई पर बहादुरी की मिसाल पेश की जाती है. सीन में एक्शन सीक्वेंस हैं, जहां सलमान का किरदार दुश्मनों से मुकाबला करता है. खून से लथपथ चेहरा, नुकीले हथियार और इंटेंस एक्सप्रेशंस सलमान के नए लुक को हाइलाइट करते हैं, जिसमें वह जोश और देश के लिए जज्बात के साथ मैदान में दुश्मनों के सामने सीना ताने खड़े नजर आते हैं.
सलमान खान फिल्म्स के बैनर तले निर्मित इस फिल्म में सलमान के साथ चित्रांगदा सिंह भी नजर आएंगी. सलमान ने जुलाई में ‘पीटीआई-भाषा' को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘बैटल ऑफ गलवान' उनके करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्मों में से एक है. उन्होंने कहा, ‘‘यह शारीरिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण है. हर साल, हर महीने, हर दिन यह और भी कठिन होती जा रही है. अब मुझे ट्रेनिंग के लिए ज़्यादा समय देना पड़ता है. पहले मैं एक-दो हफ़्ते में ही ट्रेनिंग पूरी कर लेता था, अब मैं दौड़ता हूं, मुक्के मारता हूं और ये सब करता हूं.''
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