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This Article is From Mar 16, 2020

Coronavirus पर हो रही थी सार्क देशों की बैठक, पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाकर की राजनीति की कोशिश

Coronavirus: पाकिस्तान ने इस मौके का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए किया और कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सभी तरह की पाबंदी हटा लेनी चाहिए.

Coronavirus पर हो रही थी सार्क देशों की बैठक, पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाकर की राजनीति की कोशिश
कोरोना वायरस से निपटने को लेकर सार्क देशों की बैठक बुलाई गई थी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे पर सार्क देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) ने कश्मीर के बारे में ‘‘अवांछित'' बयान देकर एक मानवीय मुद्दे का ‘‘राजनीतिकरण'' करने का प्रयास किया, जो इस तरह के मुद्दों से निपटने में उसके ढुलमुल रवैये को प्रदर्शित करता है. यह बात रविवार को सरकारी सूत्रों ने कही. वीडियो कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य इस वायरस से एकजुट होकर निपटने का संदेश देना था, लेकिन पाकिस्तान ने इस मौके का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए किया और कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सभी तरह की पाबंदी हटा लेनी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने ‘‘अशिष्ट'' बनने का चयन किया और वीडियो कॉन्फ्रेंस का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने स्वास्थ्य विषयों (पाकिस्तान के) पर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के सलाहकार एवं संबद्ध विभाग के मंत्री जफर मिर्जा को भेजा, जो बोलने के दौरान सहज नहीं थे. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा मामले को उठाना मानवीय मुद्दे से निपटने में उसके ‘‘ढुलमुल रवैये'' को दिखाता है. एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘‘मुद्दे को उठाना अवांछित था और संदर्भ से परे था. पाकिस्तान ने एक मानवीय मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया.'' सूत्रों ने कहा कि भारत वीडियो कॉन्फ्रेंस से पाकिस्तान को अलग रख सकता था लेकिन यह एक मानवीय मुद्दा था, इसलिए इस पड़ोसी देश को आमंत्रित किया गया. सूत्र ने कहा, ‘‘प्रत्येक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आह्वान का जवाब दिया लेकिन पाकिस्तान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री को भेजने का चयन किया, जो उसमें गंभीरता की कमी को दर्शाता है.''

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सूत्रों ने कहा कि यहां तक कि नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी शर्मा ओली ऐसे दिन इसमें शामिल हुए, जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इससे दूर रहने का फैसला किया. सूत्रों ने कहा कि जब पाकिस्तान ने (कश्मीर का) मुद्दा उठाया, तब किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि इस देश को विश्व समुदाय द्वारा अलग-थलग किये जाने की जरूरत है. सिंघवी ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘पाकिस्तान इससे नीचे नहीं गिर सकता. एक मानवीय संकट के समय वह एक जूनियर मंत्री को सार्क देशों के राष्ट्रप्रमुखों की बैठक में भेजता है. उसके बाद कश्मीर का मुद्दा उठाता है. उस पर तरस आता है.''

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कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस से निपटने के लिए सार्क देशों की आयोजित बैठक में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाना उसके शासन के ‘खराब और दयनीय'' मानक के साथ-साथ मानव जाति के लिए खतरे वाले वैश्विक संकट की इस घड़ी में भी उसके ‘‘अदूरदर्शी, गलत, दुर्भावनापूर्ण'' प्राथमिकताओं को दिखाता है, जो चौंकाने वाला और शर्मनाक है.'' उन्होंने सार्क देशों के वीडियो सम्मेलन के संबंध में मोदी सरकार की पहल की प्रशंसा भी की.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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