
- भारत ने अमेरिका के टैरिफ बम के बाद रूस और चीन के साथ संबंध को मजबूत करने के लिए उच्चस्तरीय बैठकें जारी रखी हैं
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर 19 से 21 अगस्त तक रूस की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं.
- भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी.
अमेरिका ने जब से भारत पर टैरिफ बम फोड़ा है, भारत ने रूस और चीन के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करना शुरू कर दिया है. इन दोनों देशों के साथ भारत की उच्चस्तरीय बैठकें जारी हैं. इसी बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार, 19 अगस्त को रूस पहुंचें. विदेश मंत्री आज यानी बुधवार, 20 अगस्त को मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (26th India-Russia Inter-Governmental Commission session) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है.
द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से आयोजित यह सत्र 19 से 21 अगस्त तक रूस की उनकी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. विदेश मंत्री भारत-रूस व्यापार मंच को भी संबोधित करेंगे, जहां दोनों पक्ष व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के अवसरों पर विचार-विमर्श करेंगे.
Hon'ble EAM @DrSJaishankar arrives in Moscow on an official visit to Russia.
— India in Russia (@IndEmbMoscow) August 19, 2025
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विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस यात्रा के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "डॉ. एस. जयशंकर 19-21 अगस्त 2025 को रूस की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 20 अगस्त 2025 को होने वाले भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26 वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे."
बयान में आगे कहा गया है, "इस यात्रा का उद्देश्य दीर्घकालिक और समय-परीक्षित भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है."
अपने प्रवास के दौरान, जयशंकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. यह बैठक दोनों देशों के बीच लगातार उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की निरंतरता का प्रतीक है.
इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात 15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान और हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी.
इस वर्ष की शुरुआत में, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको के साथ विदेश कार्यालय परामर्श के लिए मॉस्को का दौरा किया था, जिससे नई दिल्ली और मॉस्को के बीच निरंतर राजनयिक गति को रेखांकित किया गया था. यह यात्रा एक संभावित उच्च-स्तरीय बातचीत से पहले हो रही है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आने की उम्मीद है.
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