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रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ बढ़ाने से पुतिन लाइन पर आएंगे? ट्रंप सरकार का नया प्लान

"अगर रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक सेकेंडरी टैरिफ लगाते हैं तो रूसी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी"- अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट का दावा

रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ बढ़ाने से पुतिन लाइन पर आएंगे? ट्रंप सरकार का नया प्लान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
  • अमेरिकी ट्रेजरी सचिव ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने से रूस की अर्थव्यवस्था ध्वस्त होगी
  • ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कुल 50% का टैरिफ लगाया है. यह रूस से तेल खरीदने के लिए और दबाव बढ़ाने का हिस्सा है.
  • ट्रंप ने भारत की रूस से तेल खरीदने की नीतियों पर निराशा व्यक्त की है और इसे यूक्रेन युद्ध की फंडिंग बताया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के अहम पार्ट और अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने रविवार, 7 सितंबर को कहा कि अगर रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक सेकेंडरी टैरिफ लगाते हैं तो रूसी अर्थव्यवस्था "ध्वस्त" हो जाएगी.

स्कॉट बेसेंट ने एनबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यूरोपीय आयोग कू अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ एक बहुत ही सार्थक बातचीत की. शुक्रवार को कॉल पर यह बातचीत की गई और उन्होंने चर्चा की कि रूस पर अधिक दबाव बनाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) क्या कर सकते हैं.

“यूरोपीय देश भी तेल खरीदने पर टैरिफ लगाएं”

ट्रंप प्रशासन ने पहले घोषित 25 प्रतिशत के अलावा रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. 27 अगस्त से नई दिल्ली पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है.

ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि अमेरिका रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए तैयार है, "लेकिन हमें अपने यूरोपीय साझेदारों की जरूरत है जो हमें फॉलो करें… अब हम इस दौड़ में हैं कि यूक्रेनी सेना कितनी देर तक टिक सकती है और रूसी अर्थव्यवस्था कितनी देर तक टिक सकती है."

उन्होंने कहा कि "अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ एक साथ आ सकते हैं, अधिक प्रतिबंध लगा सकते हैं, रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ लगा सकते हैं, तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी और राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन को मेज पर आना पड़ेगा."

ट्रंप ने कहा है कि वह इस बात से "बहुत निराश" हैं कि भारत रूस से "इतना अधिक" तेल खरीदेगा. ट्रंप ने शुक्रवार को ओवल ऑफिस में कहा था, "हमने भारत पर बहुत बड़ा टैरिफ लगाया है, 50 फीसदी टैरिफ, बहुत ऊंचा टैरिफ. मेरी (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के साथ बहुत अच्छी बनती है, वह महान हैं. वह कुछ महीने पहले यहां आए थे."

बेसेंट और व्यापार सलाहकार पीटर नवारो सहित ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारियों ने कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन में रूस के जंग की फंडिंग कर रहा है. वहीं भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को अनुचित बताया है. रूस से कच्चा तेल खरीदने का बचाव करते हुए, भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद उसकी अपनी जरूरत के हिसाब से है.

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