फाइल फोटो
इस्तांबुल:
तुर्की और रूस ने पूरे सीरिया के लिए एक संघर्ष विराम योजना पर सहमति जताई, जो बुधवार रात लागू हो जाने की उम्मीद है. हालांकि विद्रोही समूहों ने कहा कि ऐसे किसी आधिकारिक समझौते पर सहमति नहीं बनी है.
सरकारी अंदोलू समाचार एजेंसी ने कहा है कि इस योजना का लक्ष्य अलेप्पो शहर में संघर्ष विराम का विस्तार करना है, जिसकी मध्यस्थता तुर्की और रूस ने इस महीने की शुरुआत में की थी, ताकि समूचे देश से नागरिकों की निकासी की इजाजत मिल सके.
अगर यह सफल होती है तो यह योजना दमिश्क और विपक्ष के बीच कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में राजनीतिक संवाद का आधार तैयार कर सकती है.
उधर, अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने एक संबोधन के दौरान इस समझौते का कोई उल्लेख नहीं किया, लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, 'मैं उस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दे सकता जिस बारे में मेरे पास पर्याप्त जानकारी नहीं है.' सीरियाई विद्रोहियों के एक समूह ने बताया कि इस संघर्ष विराम योजना का ब्योरा अब भी विपक्षी लड़ाकों को नहीं सौपा गया है तथा अभी समझौता नहीं हुआ है.
समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संघर्ष विराम की पिछली योजनाओं की तरह इससे आतंकी संगठनों को बाहर रखा गया है. पिछली योजनाओं की मध्यस्थता अमेरिका और रूस ने की थी. एजेंसी के मुताबिक तुर्की और रूस योजना को आधी रात से लागू कराने के लिए काम करेंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकारी अंदोलू समाचार एजेंसी ने कहा है कि इस योजना का लक्ष्य अलेप्पो शहर में संघर्ष विराम का विस्तार करना है, जिसकी मध्यस्थता तुर्की और रूस ने इस महीने की शुरुआत में की थी, ताकि समूचे देश से नागरिकों की निकासी की इजाजत मिल सके.
अगर यह सफल होती है तो यह योजना दमिश्क और विपक्ष के बीच कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में राजनीतिक संवाद का आधार तैयार कर सकती है.
उधर, अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने एक संबोधन के दौरान इस समझौते का कोई उल्लेख नहीं किया, लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, 'मैं उस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दे सकता जिस बारे में मेरे पास पर्याप्त जानकारी नहीं है.' सीरियाई विद्रोहियों के एक समूह ने बताया कि इस संघर्ष विराम योजना का ब्योरा अब भी विपक्षी लड़ाकों को नहीं सौपा गया है तथा अभी समझौता नहीं हुआ है.
समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संघर्ष विराम की पिछली योजनाओं की तरह इससे आतंकी संगठनों को बाहर रखा गया है. पिछली योजनाओं की मध्यस्थता अमेरिका और रूस ने की थी. एजेंसी के मुताबिक तुर्की और रूस योजना को आधी रात से लागू कराने के लिए काम करेंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)