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This Article is From Oct 30, 2016

ऐतिहासिक मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हुआ रूस

ऐतिहासिक मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हुआ रूस
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की फाइल फोटो
संयुक्त राष्ट्र: सीरिया में अपनी नीतियों के संबंध में युद्ध अपराध के आरोपों का सामना कर रहे रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अपनी सीट गंवानी पड़ी है. संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था पूरे विश्व में सभी मानव अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके संरक्षण के लिए जिम्मेदार है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जिनीवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 14 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान कराया था. 193-सदस्यीय महासभा ने मानवाधिकार परिषद के लिए गुप्त मतदान द्वारा 14 राष्ट्रों का चुनाव किया था.

ब्राजील, चीन, क्रोएशिया, क्यूबा, मिस्र, हंगरी, इराक, जापान, रवांडा, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया, ब्रिटेन और अमेरिका को 1 जनवरी, 2017 से तीन वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुना गया है. भारत 47 सदस्यीय मानवाधिकार निकाय का सदस्य है और उसका कार्यकाल 2017 में खत्म होगा.

रूस दोबारा इस निकाय का सदस्य बनना चाहता था और पूर्वी यूरोप ब्लॉक की दो सीटों के लिए उसका मुकाबला हंगरी, क्रोएशिया और बुल्गारिया से था. मतदान में रूस को 112 वोट, क्रोएशिया को 114 वोट और हंगरी को 144 वोट मिले.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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