रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से ज्यादा समय से जंग चल रही है. गुरुवार को रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव सहित 10 शहरों पर करीब 15 मिसाइलें दागी हैं. इस हमले में कम से कम 6 नागरिकों की मौत हो गई है. समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स' ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी.
'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में रिहाइशी इमारतों और पॉवर प्लांट को मिसाइल से टार्गेट किया है. इसके चलते जपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट से पावर सप्लाई बंद हो गई है. ऐसे में कीव के 15% इलाके में ब्लैकआउट हो गया है. कई दूसरे शहरों में भी बिजली की सप्लाई नहीं हो पा रही है. हमले के बाद प्रभावित एरिया के लोगों से शेल्टर होम में जाने की अपील की गई है.
पुतिन से बात करने से इनकार
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की ने CNN को दिए गए एक इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करने से इनकार कर दिया है. जेलेंस्की ने कहा- 'जब तक रूसी सेना यूक्रेन नहीं छोड़ेगी, तब तक हम उनसे बात नहीं करेंगे.' यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि कम से कम 10 प्रांतों में रिहाइशी इमारतों और इंफ्रास्ट्रक्चर को मिसाइल से टार्गेट किया गया है.
नागरिकों को आतंकित किया जा रहा-जेलेंस्की
जेलेंस्की ने एक बयान में कहा, "कब्जा करने वाले केवल नागरिकों को आतंकित कर सकते हैं. वे इतना ही कर सकते हैं, लेकिन इससे उन्हें मदद नहीं मिलेगी. वे अपने हर काम की जिम्मेदारी से नहीं बचेंगे."
वेस्ट लीव में 5 लोगों की मौत
यूक्रेन की इमरजेंसी सर्विस के मुताबिक, वेस्ट लीव (Lviv) क्षेत्र में एक मिसाइल हमले में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई. हमले में एक पूरा घर नष्ट हो गया था. वहीं, मध्य निप्रो क्षेत्र में मिसाइल अटैक में एक नागरिक की मौत की सूचना मिली. इससे पहले खेरसॉन में मिसाइल अटैक में 3 नागरिकों के भी मारे जाने की सूचना मिली थी.
रूस ने कहा- ताकत कम करना मकसद
इन हमलों को लेकर रूस का कहना है कि यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्टर को टार्गेट करने का मकसद उसके जंग लड़ने की ताकत को कम करना है. वहीं, कीव का कहना है कि इन हवाई हमलों का कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है. इसका उद्देश्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना और डराना है. यूक्रेन ने रूस के इस हमले को एक युद्ध अपराध करार दिया.
अमेरिका ने जल्द युद्ध खत्म करने की बात की
बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर बीते साल 24 फरवरी को हमला किया था. हालांकि, रूस इसे सैन्य कार्रवाई बताता आ रहा है. अमेरिका और भारत कई बार बातचीत के जरिए जल्द से जल्द जंग खत्म करने का समर्थन कर चुके हैं. करीब 1 महीने पहले अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था कि पुतिन अभी भी युद्ध को रोक सकते हैं. इसके लिए PM मोदी जो भी कोशिश करना चाहते हैं, वो उन्हें करना चाहिए.
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