लंदन:
ब्रिटेन की दिग्गज मैन्युफैक्चरिंग मल्टीनेशनल रॉल्स रॉयस ने भारत समेत दुनिया के कम से कम 12 देशों में आकर्षक कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए बिचौलियों या एजेंट की मदद ली. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कई बार सौदे हासिल करने के लिए कथित रूप से घूस भी दी गई.
गार्जियन और बीबीसी ने इस मामले की तहकीकात की है. उन्होंने कई लीक दस्तावेज और बिचौलियों के बयानों के आधार पर यह कहा है कि रॉल्स रॉयस ने गैरकानूनी तरीके से पैसे का इस्तेमाल कर वर्षों लाभ कमाया. अब ब्रिटेन और अमेरिका की भ्रष्टाचार निरोधक इकाईयों के सामने व्यापक पैमाने पर इन एजेंटों के नेटवर्क का पता लगाने का जिम्मा है.
गार्जियन के मुताबिक अब जांच में उन खास आरोपों की पड़ताल की जा रही है जिसमें इन बिचौलियों की मदद से घूस दी गई. 13 अरब पौंड मार्केट वैल्यू वाली रॉल्स रॉयस पैसेंजर जेट के लिए टर्बाइन, इंजन और मिलिट्री एयरक्राफ्ट बेचने का काम भी करती है. कंपनी ने इस मसले पर विस्तृत प्रश्नों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
इस मामले में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ''बिचौलियों के माध्यम से रिश्वत देने और भ्रष्टाचार के मामले की जांच सीरियस फ्रॉड ऑफिस (एसएफओ) और अन्य एजेंसियों का जिम्मा है. हम उनके साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं. लिहाजा चल रही जांच के दौरान हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.''
गार्जियन/बीबीसी जांच को सोमवार को बीबीसी के पैनोरमा प्रोग्राम में दिखाते हुए दावा किया गया कि पहले जितना लोग इस मामले को जानते थे, उससे कहीं अधिक एजेंटों का इस्तेमाल इस कंपनी ने किया. कम से कम 12 देशों में इस काम के लिए कंपनी ने एजेंटों की सेवाएं लीं. ये देश हैं- ब्राजील, भारत, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अंगोला, इराक, ईरान, कजाकिस्तान, अजरबैजान, नाइजीरिया और सऊदी अरब.
एक बिजनेसमैन ने कथित रूप से रॉल्स-रॉयस के लिए काम किया है और उसके परिवार ने लिबरल डेमोक्रेट्स को 1.6 मिलियन पौंड का चंदा दिया था और इस वक्त वह पार्टी के नेता टिम फेरोन का एक सलाहकार है.
रिश्वत देने के मामले में एक भारतीय सुधीर चौधरी और उनके बेटे भानु को एसएफओ ने गिरफ्तार कर पूछताछ की थी. दोनों ने आरोपों का खंडन किया और उनको रिहा कर दिया गया. गार्जियन/बीबीसी के मुताबिक रॉल्स-रॉयस ने चौधरी परिवार की कंपनियों को लाखों पौंड दिए.
लेबर और कंजरवेटिव प्रशासकों के रॉल्स-रॉयस के साथ करीबी संबंध रहे हैं और उन्होंने विदेशी सरकारों से इस निर्माता कंपनी के लिए बड़े सौदे दिलाने के लिए लॉबीइंग भी की. एक बार ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस कंपनी की तारीफ करते हुए कहा था, ''एडवांस टेक्नोलॉजी के विकास में यह वर्ल्ड लीडर है...और इस पर पूरे देश को गर्व है.''
ड्यूक ऑफ कैंब्रिज ने इसके बारे में कहा था, ''यह ब्रिटेन की अग्रणी वैश्विक कंपनियों में शुमार है.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गार्जियन और बीबीसी ने इस मामले की तहकीकात की है. उन्होंने कई लीक दस्तावेज और बिचौलियों के बयानों के आधार पर यह कहा है कि रॉल्स रॉयस ने गैरकानूनी तरीके से पैसे का इस्तेमाल कर वर्षों लाभ कमाया. अब ब्रिटेन और अमेरिका की भ्रष्टाचार निरोधक इकाईयों के सामने व्यापक पैमाने पर इन एजेंटों के नेटवर्क का पता लगाने का जिम्मा है.
गार्जियन के मुताबिक अब जांच में उन खास आरोपों की पड़ताल की जा रही है जिसमें इन बिचौलियों की मदद से घूस दी गई. 13 अरब पौंड मार्केट वैल्यू वाली रॉल्स रॉयस पैसेंजर जेट के लिए टर्बाइन, इंजन और मिलिट्री एयरक्राफ्ट बेचने का काम भी करती है. कंपनी ने इस मसले पर विस्तृत प्रश्नों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
इस मामले में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ''बिचौलियों के माध्यम से रिश्वत देने और भ्रष्टाचार के मामले की जांच सीरियस फ्रॉड ऑफिस (एसएफओ) और अन्य एजेंसियों का जिम्मा है. हम उनके साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं. लिहाजा चल रही जांच के दौरान हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.''
गार्जियन/बीबीसी जांच को सोमवार को बीबीसी के पैनोरमा प्रोग्राम में दिखाते हुए दावा किया गया कि पहले जितना लोग इस मामले को जानते थे, उससे कहीं अधिक एजेंटों का इस्तेमाल इस कंपनी ने किया. कम से कम 12 देशों में इस काम के लिए कंपनी ने एजेंटों की सेवाएं लीं. ये देश हैं- ब्राजील, भारत, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अंगोला, इराक, ईरान, कजाकिस्तान, अजरबैजान, नाइजीरिया और सऊदी अरब.
एक बिजनेसमैन ने कथित रूप से रॉल्स-रॉयस के लिए काम किया है और उसके परिवार ने लिबरल डेमोक्रेट्स को 1.6 मिलियन पौंड का चंदा दिया था और इस वक्त वह पार्टी के नेता टिम फेरोन का एक सलाहकार है.
रिश्वत देने के मामले में एक भारतीय सुधीर चौधरी और उनके बेटे भानु को एसएफओ ने गिरफ्तार कर पूछताछ की थी. दोनों ने आरोपों का खंडन किया और उनको रिहा कर दिया गया. गार्जियन/बीबीसी के मुताबिक रॉल्स-रॉयस ने चौधरी परिवार की कंपनियों को लाखों पौंड दिए.
लेबर और कंजरवेटिव प्रशासकों के रॉल्स-रॉयस के साथ करीबी संबंध रहे हैं और उन्होंने विदेशी सरकारों से इस निर्माता कंपनी के लिए बड़े सौदे दिलाने के लिए लॉबीइंग भी की. एक बार ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस कंपनी की तारीफ करते हुए कहा था, ''एडवांस टेक्नोलॉजी के विकास में यह वर्ल्ड लीडर है...और इस पर पूरे देश को गर्व है.''
ड्यूक ऑफ कैंब्रिज ने इसके बारे में कहा था, ''यह ब्रिटेन की अग्रणी वैश्विक कंपनियों में शुमार है.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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