ऋषि सुनाक (Rishi Sunak) ब्रिटेन (UK) में प्रधानमंत्री (PM) बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं. भारतीय मूल के ऋषि ने चौथे दौर की वोटिंग में भी लीड बना कर रखी है और बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के उत्तराधिकारी के तौर पर अपनी दावेदारी मजबूत की है. यह चुनाव सत्ताधारी कंज़रवेटिव पार्टी के लीडर के लिए हो रहे हैं जिसे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद भी मिलेगा. इस रेस में अब केवल 3 उम्मीदवार रह गए हैं. तीन आखिरी उम्मीदवार हैं- ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रुस (Liz Truss ), और जूनियर ट्रेड मंत्री पेनी मॉर्डॉन्ट (Penny Mordaunt ). ब्रिटिश सासंद अब अंतिम दो उम्मीदवारों का चयन करेंगे. विवादों से घिरे बोरिस जॉनसन ने इस महीने की शुरुआत में पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सत्ताधारी कन्ज़रवेटिव पार्टी में लीडर पद के लिए अभूतपूर्व होड़ मची है. अगर ऋषि सुनाक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुन लिया जाता है तो ब्रिटेन ऐसा छठा देश होगा जहां एक भारतीय मूल का व्यक्ति सर्वोच्च पद तक पहुंचेगा. अमेरिका स्थित एक गैर सरकारी संस्थान इंडियास्पोरा ने एक लिस्ट जारी की है. इसके अनुसार-
एंटोनियो कोस्टा (Antonio Costa), पुर्तगाल (Portugal) के प्रधानमंत्री हैं
मोहम्मद इरफान (Mohamed Irfaan), गुएना (Guyana) के राष्ट्रपति हैं
प्रविंद जगनाथ (Pravind Jugnauth), मॉरीशियस ( Mauritius) के प्रधानमंत्री हैं
पृथ्वीराजसिंह रूपून (Prithvirajsing Roopun), मॉरीशियस (Mauritius) के राष्ट्रपति हैं
चंद्रिकाप्रसाद संतोक्षी (Chandrikapersad Santokhi) सूरीनाम (Suriname) के राष्ट्रपति हैं
कमला हैरिस (Kamala Harris) अमेरिका (United States) की उप राष्ट्रपति हैं
मॉरीशियस में राष्ट्रपति जगनाथ और प्रधानमंत्री रूपून के साथ नौ राष्ट्राध्यक्ष भारतीय मूल के रह चुके हैं. इसी तरह से सूरीनाम में पांच राष्ट्रपति भारतीय मूल के समुदाय से रह चुके हैं. साथ ही गुएना में चार राष्ट्राध्यक्ष और सिंगापुर में तीन भारतीय मूल के रहे हैं. इन देशों के अलावा ट्रिनिदाद और टोबैगो, पुर्तगाल, मलेशिया, फिजी, आयरलैंड और सेशेल्स में भी भारतीय मूल के राष्ट्राध्यक्ष रह चुके हैं.
ब्रिटेन के मतदान से दिखता है मिस ट्रुस और मिस मॉर्डॉन्ट आज देर शाम होने वाले अहम चुनाव में ऋषि सुनाक को पछाड़ सकते हैं हालांकि वो ब्रिटिश संसद में इससे पहले के दौर के मतदान में बढ़त बनाते रहे थे. इन चुनाव में जो भी जीतेगा पार्टी उसके नाम की घोषणा 5 सितंबर को करेगी. और उसे कई दशकों में सबसे अधिक मुसीबतें झेल रहा ब्रिटेन विरासत में मिलेगा. ब्रिटेन में महंगाई 11 प्रतिशत सालाना की दर पर पहुंच गई है और विकास रुक गया है. औद्योगिक काम बढ़ रहा और डॉलर की तुलना में पाउंड ऐतिहासिक तौर पर निचले स्तर पर है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं