
म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने तबाही के वो निशान छोड़े हैं, जिन्हें जल्दी से भूलाया नहीं जा सकता. ये कितना भयानक था. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भूकंप आया म्यांमार में और इसकी विनाशलीला थाईलैंड तक दिखाई दी. थाईलैंड की सरकार को बैंकॉक में इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी. आखिर इतना खतरनाक भूकंप आया क्यों? भूकंप के पीछे की वजह क्या है? इस खबर में हम सारे प्वॉइंट्स पर विस्तार से बात करेंगे.
किसी भी भूकंप आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:
- पृथ्वी की प्लेटों का टकराव या खिसकाव
- ज्वालामुखी विस्फोट
- पृथ्वी की सतह पर दबाव का बढ़ना
- पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियां
हमारी धरती टेक्टोनिक प्लेट पर टिकी हुई है. ये प्लेटें धीमी गति से हिलती हैं, लेकिन जब ये आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं तो इसमें से निकलने वाली एनर्जी से भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं. यही तरंगें भूकंप की वजह बनती हैं. अगर ये तंरगे ज्यादा गति, ज्यादा मात्रा में पैदा होती है. तो ज्यादा खतरनाक भूकंप आने के आसार होते हैं.
म्यांमार में भूकंप की वजह
म्यांमार में भूकंप का केंद्र था सागाइंग, अर्थक्वेक के लिहाज से ये जगह काफी संवेदनशील है. क्योंकि ये ऐसी जगह है जहां भारत और बर्मा की टेक्टोनिक प्लेट की बाउंड्री है. यहां फॉल्ट लाइन 1200 किलोमीटर लंबी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, भूकंप का केंद्र सागाइंग फॉल्ट लाइन पर ही है. सागाइंग में टेक्टोनिक प्लेट का मूवमेंट होता रहता है. यही वजह है म्यांमार में समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं. हालांकि इस बार आए भूकंप ने तबाही बहुत ज्यादा मचा दी.
वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया कि भूकंप लाने वाली टेक्टोनिक प्लेटें बहुत धीरे-धीरे खिसकती हैं. उनकी गति लगभग 2-3 सेंटीमीटर प्रति वर्ष होती है. ये गति बहुत धीमी है, लेकिन ये लगातार होती है और इससे पृथ्वी की सतह पर दबाव बढ़ता है, जो अंततः भूकंप का कारण बनता है.
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