
म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.5 और 7.0 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप और उसके बाद आए कई छोटे-छोटे शक्तिशाली झटके के बाद कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई. मृतकों की संख्या बढ़ने की भी आशंका है, क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक मांडले शहर में भूकंप के दौरान एक मस्जिद ढह गई, जिसमें कई लोग मारे गए हैं. भूकंप का केंद्र सागाइंग के उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई पर था. झटके म्यांमार और थाईलैंड के अलावा पूर्वोत्तर भारत और चीन के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए.
आंकड़ों के अनुसार पहली बार भूकंप के झटके 11 बजकर 50 मिनट पर महसूस किए गए, जो 7.5 तीव्रता का था. फिर 12 बजकर 2 मिनट पर फिर से 7.0 तीव्रता का भूकंप आया.

भूकंप इतना तेज था कि बैंकॉक में मेट्रो और रेल सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं. लोगों में दहशत फैल गई. थाई प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने तत्काल बैठक बुलाई और राजधानी में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी.

प्रभावित क्षेत्रों से चौंकाने वाले फुटेज में ढहती इमारतें और भयभीत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भागते हुए दिख रहे हैं. लाओस के विएंतियाने में भी झटके महसूस किए गए, यहां भी ऊंची इमारतों में तीव्र झटकों के वीडियो वायरल हो रहे हैं.
म्यांमार में आपातकाल घोषित
म्यांमार में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है, राहत और बचाव प्रयासों में सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील जारी की गई है. देश में अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है, आपातकालीन टीमें जीवित बचे लोगों को ढूंढने और अपने घरों में फंसे लोगों की सहायता करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं.

Photo Credit: PTI
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार और थाईलैंड में आए शक्तिशाली भूकंप पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने दोनों सरकारों को हर संभव मदद देने का वादा किया है.
भारत हर संभव सहायता के लिए तैयार - पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं. भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है. साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है."
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