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This Article is From Jun 06, 2022

"अनोखा कछुआ, जो पहले कभी नहीं देखा गया"...चिड़ियाघर की फोटो हो रही वायरल

किसी कछुए (Tortoise) का अल्बीनो (Albino) होना बेहद विरली घटना है. यह किसी एक लाख में से एक बार होता है, जबकि इंसानों में 20,000 लोगों में एक इंसान अल्बीनो होता है. इसमें मेलेनिन पिगमेंट जिससे त्वचा, बालों और आंखों का रंग प्रभावित होता है वह ना के बराबर या बिल्कुल नहीं होता है, इससे यह कंडीशन बनती है.

"अनोखा कछुआ, जो पहले कभी नहीं देखा गया"...चिड़ियाघर की फोटो हो रही वायरल
किसी कछुए का अल्बीनो होना बेहद विरली घटना है

स्विट्ज़रलैंड (Switzerland)  का एक चिड़ियाघर (Zoo) विरली प्रजाती के बड़े कछुए (Tortoise) का स्वागत कर रहा है. चिड़ियाघर ने , "पहले कभी नहीं देखे गए" कछुए के बच्चे का यह फोटो शुक्रवार को फेसबुक पर पोस्ट (Facebook Post) किया.यह बेहद ही विरला अल्बीनो गोलापागोस बड़ा कछुआ (albino Galapagos giant tortoise) है. अपनी पोस्ट में ट्रॉपीक्वारियम दे सर्विऑन जू (Tropiquarium de Servion Zoo ) ने कहा कि दो giant Galapagos tortoises कंजरवेशन प्रोग्राम के तहत पैदा हुए. एक अपने पेरेंट्स की तरह काला और दूसरा सफेद ( albino) है.  रॉयटर्स के अनुसार, दोनों कछुए पिछले महीने पैदा हुए.  फेसबुक पोस्ट पर चिड़ियाघर ने लिखा है, हमें अपने कछुए के बच्चों में से एक को अल्बीनो पाकर बेहद आश्चर्य हुआ. यह पहले कभी किसी चिड़ियाघर या जंगल में नहीं देखा गया.  

यह बेहद विरला जन्म है, खास कर अल्बीनो कछुए के बच्चे का आना.  चिड़ियाघर के स्टाफ के लोग भी अल्बीनो कछुए को देख कर खूब आश्चर्यचकित हुए.  किसी कछुए का अल्बीनो होना बेहद विरली घटना है. यह किसी एक लाख में से एक बार होता है, जबकि इंसानों में 20,000 लोगों में एक इंसान अल्बीनो होता है. इसमें मेलेनिन पिगमेंट जिससे त्वचा, बालों और आंखों का रंग प्रभावित होता है वह ना के बराबर या बिल्कुल नहीं होता है, इससे यह कंडीशन बनती है.  इस कछुए के बच्चे की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.  

एक यूज़र ने पोस्ट किया, " यह बेहद शानदार है और कितना आश्चर्यजनक है, इन दोनों छोटे कछुए के बच्चों को बड़े होता देखना. इसे शेयर करने के लिए धन्यवाद, इन्हें देखकर खुशी हुई."

Tropiquarium चिड़ियाघर के स्टाफ थॉमस मोरेल ने कहा, " कई महीनों तक अंडों को कृतिम तौर पर इनक्यूबेशन में रखने के बाद हमें पहला बच्चा बाहर आता दिखा. यह सर्वियन ट्रॉपिक्वेरियम की दूसरी हैचिंग थी. हमने पिछले साल भी ऐसा कर चुके थे. हम इस कछुए का रंग देखकर काफी हैरान थे. जन्म के समय ऐसा हो सकता है, लेकिन दो दिन बाद हम आश्वस्त हो गए कि यह सिर से लेकर पैर तक एक अल्बीनो कछुआ ही है. यह इस प्रजाति के लिए बेहद आर्श्चर्यजनक था. "

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