शिकागो:
अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राना को मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया है, लेकिन उसे आतंकवादी संगठन लश्कर−ए−तैयबा की मदद करने का दोषी पाया गया है। शिकागो कोर्ट की जूरी ने 23 मई को शुरू हुए मुकदमे की सुनवाई खत्म होने के बाद आपस में सलाह-मशविरा किया और अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने राना को डेनमार्क में एक अखबार के दफ्तर पर हमले की कोशिश में मदद करने का भी दोषी करार दिया है। इस अखबार ने पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून छापे थे। राना और उसके दोस्त हेडली को अक्टूबर, 2009 में डेनमार्क के अखबार पर हमले की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ के दौरान ऐसे संकेत मिले थे कि हेडली के साथ-साथ राना भी मुंबई हमलों की साजिश में शामिल हो सकता है। कोर्ट का फैसला आने के बाद राना सदमे में है। यह बात उसके वकील चार्ल्स स्विफ्ट ने बताई। राना पर फैसला आने के बाद उसकी पत्नी समराज राना भी शिकागो कोर्ट में फूट−फूट कर रो पड़ी। समराज अपने पति को लगातार बेकसूर बताती आई है। समराज राना ने कहा कि वह कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। राना पर कुल मिलाकर 12 आरोप लगाए गए थे और इस मामले में 50 साल के राना का दोस्त हेडली मुख्य सरकारी गवाह था।पाकिस्तान में पला−बढ़ा तहव्वुर राना मेडिकल डिग्री लेने के बाद पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर से जुड़ा था। बाद में अपने परिवार के साथ कनाडा चला गया था और 2001 में वहां की नागरिकता ले ली। कनाडा में वह ट्रैवल एजेंसी चलाने के साथ- साथ कई दूसरे कारोबार भी करता रहा। तीन साल पहले उसने अपने बचपन के दोस्त डेविड हेडली को मुंबई में अपनी ट्रैवल एजेंसी की शाखा खोलने में मदद की। आरोप था कि इस कारोबार का असली मकसद मुंबई में हमले के लिए ठिकानों की टोह लेना था। हेडली पहले ही मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने की बात कबूल चुका है। उसने लश्कर−ए−तैयबा और पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी आईएसआई से रिश्ते की बात भी मानी है।
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