नई दिल्ली:
"26/11 हमले को लेकर भारत का स्टैंड सबको मालूम है. हमला पाकिस्तान से ही हुआ था," ये कहना केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिज़ू का है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने पाकिस्तान के एनएसए महमूद अली दुर्रानी के द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत हमेशा एक ही बात कहता आया है उसमें कुछ नया नहीं है.
दुर्रानी ने एक प्रेस कोनफ़्रेंस में कहा था कि 26/11 का मामला क्लासिक उदाहरण है कि किस तरह सीमा पार पाकिस्तान में बैठे हुए आतंकवादी गुट हमला कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हमले से पाकिस्तान सरकार का कुछ लेना-देना नहीं था. 26/11 हमले को लेकर भारत हमेशा ये कहता रहा है कि हमले में पाकिस्तानी सरकार की भी भूमिका थी. पाकिस्तान सरकार इस बात से इनकार करती रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इस मसले में पाकिस्तान को ज़िम्मेवार बता चुके हैं. उन्होंने 12 फरवरी, 2016 को कहा था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है और पाकिस्तान को उन लोगों के ख़िलाफ़ करवाई करनी चाहिए जो हमले के लिए ज़िम्मेदार है.
उस से पहले पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने 28 जून, 2008 को कड़े शब्दों में इस्लामाबाद में ही कहा था कि हमले में पाकिस्तान की अहम भूमिका है. "मैं किसी एजेन्सी की ओर इशारा नहीं कर रहा लेकिन ये साफ़ है कि इतना बड़ा हमला सरकार की मदद के बिना नहीं किया जा सकता."
दुर्रानी ने 19वीं एशियाई सुरक्षा कांफ्रेंस के दौरान यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि हाफिज सईद की कोई उपयोगिता नहीं है. उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस एंड स्टडीज एंड एनालिसिस की ओर से आयोजित इस कांफ्रेंस में भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे. इस कांफ्रेंस की थीम, "कॉम्बेटिंग टेरेरिज्म: इवॉल्विंग एन एशियन रेस्पॉन्स" है. पर्रिकर ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान दशकों से छद्म युद्ध के शिकार हो रहे हैं. आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है.
दुर्रानी ने एक प्रेस कोनफ़्रेंस में कहा था कि 26/11 का मामला क्लासिक उदाहरण है कि किस तरह सीमा पार पाकिस्तान में बैठे हुए आतंकवादी गुट हमला कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हमले से पाकिस्तान सरकार का कुछ लेना-देना नहीं था. 26/11 हमले को लेकर भारत हमेशा ये कहता रहा है कि हमले में पाकिस्तानी सरकार की भी भूमिका थी. पाकिस्तान सरकार इस बात से इनकार करती रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इस मसले में पाकिस्तान को ज़िम्मेवार बता चुके हैं. उन्होंने 12 फरवरी, 2016 को कहा था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है और पाकिस्तान को उन लोगों के ख़िलाफ़ करवाई करनी चाहिए जो हमले के लिए ज़िम्मेदार है.
उस से पहले पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने 28 जून, 2008 को कड़े शब्दों में इस्लामाबाद में ही कहा था कि हमले में पाकिस्तान की अहम भूमिका है. "मैं किसी एजेन्सी की ओर इशारा नहीं कर रहा लेकिन ये साफ़ है कि इतना बड़ा हमला सरकार की मदद के बिना नहीं किया जा सकता."
दुर्रानी ने 19वीं एशियाई सुरक्षा कांफ्रेंस के दौरान यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि हाफिज सईद की कोई उपयोगिता नहीं है. उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस एंड स्टडीज एंड एनालिसिस की ओर से आयोजित इस कांफ्रेंस में भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे. इस कांफ्रेंस की थीम, "कॉम्बेटिंग टेरेरिज्म: इवॉल्विंग एन एशियन रेस्पॉन्स" है. पर्रिकर ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान दशकों से छद्म युद्ध के शिकार हो रहे हैं. आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है.
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