नई दिल्ली:
राहुल गांधी और बिलावल जरदारी भुट्टो दो देशों की दो बड़ी शख्सियतों के वंशज हैं और दोनों के अतीत में भी काफी हद तक समानता है। उम्मीद है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के सम्मान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा यहां रविवार को दिए जाने वाले भोज के दौरान दोनों युवा नेताओं की बातचीत होगी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, बिलावल अतिथियों की सूची में शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 2007 में अपनी मां पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या हो जाने के बाद मात्र 19 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल ली थी।
सूत्रों ने बताया कि राहुल भी भोज में शामिल हो सकते हैं और इस दौरान उनकी बिलावल से बातचीत हो सकती है।
कांग्रेस महासचिव राहुल 41 वर्ष के हैं और बिलावल 23 वर्ष के। दोनों अपने-अपने देश के शीर्ष राजनीतिक घरानों से हैं और दोनों को भावी शासक के रूप में भी देखा जा रहा है।
राहुल और बिलावल ने पहले ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी। दोनों के अतीत में समानता यह है कि दोनों अपने-अपने देश के पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं। राहुल के पिता की तो बिलावल की मां की हत्या हो चुकी है।
राहुल के पिता राजीव गांधी को मई 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी जनसभा के मंच पर तमिल टाइगर की एक आत्मघाती महिला ने बम से उड़ा दिया था।
उधर, पाकिस्तान में बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो को दिसम्बर 2007 में एक चुनावी जनसभा के बाद कार में सवार होते समय गोलियों से छलनी कर दिया गया था।
राहुल की दादी इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं तो बिलावल के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान में प्रधानमंत्री थे। इंदिरा की हत्या कर दी गई थी तो भुट्टो को फांसी दे दी गई थी।
राहुल और बिलावल दोनों अपने-अपने देश में लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता संबंधी बयान दे चुके हैं।
राहुल युवक कांग्रेस की कार्यशैली को लोकतांत्रिक बनाने की पहल कर चुके हैं तो बिलावल ने पीपीपी के अध्यक्ष का पद ग्रहण करते समय कहा था, "लोकतंत्र सबसे अच्छा प्रतिशोध है।" उनके समर्थकों को उम्मीद है कि बिलावल 2013 के आम चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे। वहीं, राहुल भी 2014 के आम चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गए हैं।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, बिलावल अतिथियों की सूची में शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 2007 में अपनी मां पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या हो जाने के बाद मात्र 19 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल ली थी।
सूत्रों ने बताया कि राहुल भी भोज में शामिल हो सकते हैं और इस दौरान उनकी बिलावल से बातचीत हो सकती है।
कांग्रेस महासचिव राहुल 41 वर्ष के हैं और बिलावल 23 वर्ष के। दोनों अपने-अपने देश के शीर्ष राजनीतिक घरानों से हैं और दोनों को भावी शासक के रूप में भी देखा जा रहा है।
राहुल और बिलावल ने पहले ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी। दोनों के अतीत में समानता यह है कि दोनों अपने-अपने देश के पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं। राहुल के पिता की तो बिलावल की मां की हत्या हो चुकी है।
राहुल के पिता राजीव गांधी को मई 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी जनसभा के मंच पर तमिल टाइगर की एक आत्मघाती महिला ने बम से उड़ा दिया था।
उधर, पाकिस्तान में बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो को दिसम्बर 2007 में एक चुनावी जनसभा के बाद कार में सवार होते समय गोलियों से छलनी कर दिया गया था।
राहुल की दादी इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं तो बिलावल के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान में प्रधानमंत्री थे। इंदिरा की हत्या कर दी गई थी तो भुट्टो को फांसी दे दी गई थी।
राहुल और बिलावल दोनों अपने-अपने देश में लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता संबंधी बयान दे चुके हैं।
राहुल युवक कांग्रेस की कार्यशैली को लोकतांत्रिक बनाने की पहल कर चुके हैं तो बिलावल ने पीपीपी के अध्यक्ष का पद ग्रहण करते समय कहा था, "लोकतंत्र सबसे अच्छा प्रतिशोध है।" उनके समर्थकों को उम्मीद है कि बिलावल 2013 के आम चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे। वहीं, राहुल भी 2014 के आम चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गए हैं।
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