नई दिल्ली:
भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त, प्रसाद करियावासम ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूनएनएचसीआर) में श्रीलंका के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव को 'अनावश्यक' करार देते हुए सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को श्रीलंका के मामले में दखल नहीं देना चाहिए।
करियावासम ने टेलीविजन चैनल सीएनएन-आईबीएन से कहा, "यूएनएचआरसी में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव अनावश्यक है। हमारा रुख यही है और हमें नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर श्रीलंका के मामले में दखल देने की आवश्यकता है, क्योंकि हम धीरे-धीरे वह सब कर रहे हैं, जो हमें करना आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, "प्रस्ताव में शामिल बातों से समस्या के समाधान में किसी तरह की मदद नहीं मिलने वाली है, बल्कि इससे तमिलनाडु तथा श्रीलंका के लोगों में एक-दूसरे के लिए गलत भावना ही पैदा होगी। दुर्भाग्यवश इससे तनाव पैदा हो गया है, जो निरर्थक है।"
करियावासम ने टेलीविजन चैनल सीएनएन-आईबीएन से कहा, "यूएनएचआरसी में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव अनावश्यक है। हमारा रुख यही है और हमें नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर श्रीलंका के मामले में दखल देने की आवश्यकता है, क्योंकि हम धीरे-धीरे वह सब कर रहे हैं, जो हमें करना आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, "प्रस्ताव में शामिल बातों से समस्या के समाधान में किसी तरह की मदद नहीं मिलने वाली है, बल्कि इससे तमिलनाडु तथा श्रीलंका के लोगों में एक-दूसरे के लिए गलत भावना ही पैदा होगी। दुर्भाग्यवश इससे तनाव पैदा हो गया है, जो निरर्थक है।"
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