नवाज शरीफ ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा.
इस्लामाबाद:
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को होली की पूर्व संध्या पर बधाई दी है. नवाज शरीफ ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा. शरीफ ने अपने संदेश में कहा कि होली वसंत के मौसम के आगमन और मौसम में बदलाव का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि त्योहार उम्मीद और बेहतर भविष्य का संदेश देता है और मौसम की तरह समाज में बदलाव को दर्शाता है.
मोहम्मद अली जिन्ना और संविधान का हवाला देते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा.
उन्होंने कहा, 'सुनिश्चित किया जाएगा कि धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं हो और अल्पसंख्यकों को धर्म की आजादी है.'उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को नौकरी तथा अन्य मुद्दों को लेकर वंचित होने की भावना नहीं रहेगी.
पाकिस्तान में अब हिन्दू भी करा सकेंगे शादी का रजिस्ट्रेशन
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने हिन्दुओं को शादी का रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार दिया था. अल्पसंख्यक हिन्दुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम विधेयक को संसद ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा. हिन्दू विवाह विधेयक-2017 को पाकिस्तानी संसद ने पारित कर दिया. यह हिन्दू समुदाय का पहला विस्तारित पर्सनल लॉ है.निचला सदन यानी नेशनल असेम्बली इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और कानून का रूप लेने के लिए इसे केवल राष्ट्रपति के दस्तखत की दरकार है जोकि मात्र एक औपचारिकता है.
मोहम्मद अली जिन्ना और संविधान का हवाला देते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा.
उन्होंने कहा, 'सुनिश्चित किया जाएगा कि धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं हो और अल्पसंख्यकों को धर्म की आजादी है.'उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को नौकरी तथा अन्य मुद्दों को लेकर वंचित होने की भावना नहीं रहेगी.
पाकिस्तान में अब हिन्दू भी करा सकेंगे शादी का रजिस्ट्रेशन
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने हिन्दुओं को शादी का रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार दिया था. अल्पसंख्यक हिन्दुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम विधेयक को संसद ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा. हिन्दू विवाह विधेयक-2017 को पाकिस्तानी संसद ने पारित कर दिया. यह हिन्दू समुदाय का पहला विस्तारित पर्सनल लॉ है.निचला सदन यानी नेशनल असेम्बली इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और कानून का रूप लेने के लिए इसे केवल राष्ट्रपति के दस्तखत की दरकार है जोकि मात्र एक औपचारिकता है.
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