अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का यह तीसरा प्योगयांग दौरा है.
प्योंगयांग:
अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने उत्तर कोरियाई समकक्ष के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण की योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर बातचीत की. विदेश मंत्री पोम्पिओ उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग - उन के विश्वासपात्र किम जोंग चोल से दूसरे दिन बातचीत के लिए प्योंगयांग के एक आलीशान गेस्ट हाउस में मौजूद थे. पोम्पिओ का यह तीसरा प्योगयांग दौरा है , जिसपर उनके उत्तर कोरियाई समकक्ष किम जोंग चोल ने मजाक में कहा कि उन्हें अब शायद इस शहर की आदत होने लगी है. उन्होंने कहा, ‘हम जितना मिलेंगे, उतनी हमारी दोस्ती गहरी होती जाएगी. आज की बैठक काफी सकारात्मक रही’. इस पर पोम्पिओ ने कहा, ‘हां ,मैं इससे सहमत हूं’. आपको बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि उत्तर कोरिया देश में मौजूद परमाणु हथियारों और गोपनीय उत्पादन स्थल को छुपाने के तरीकों पर विचार कर रहा है. वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी खबर में यह दावा किया था.
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अखबार ने खुफिया विभाग के अधिकारियों का हवाला देते हुए लिखा कि अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों का निष्कर्ष है कि उत्तर कोरिया पूरे तौर पर अपने परमाणु हथियारों का समर्पण करने के पक्ष में नहीं है. उत्तर कोरिया का यह व्यवहार सिंगापुर में 12 जून को उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई शिखर बैठक के दौरान बनी सहमति के खिलाफ है. किम ने अमेरिका की ओर से सुरक्षा की पूर्ण गारंटी के एवज में ‘‘ पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण ’’ की बात कही थी. अखबार के मुताबिक, खुफिया विभाग द्वारा एकत्र सबूतों के अनुसार उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों और परमाणु हथियार विकसित करने में सक्षम गोपनीय स्थलों को बचाए रखना चाहता है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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