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This Article is From Feb 11, 2024

राजनीतिक दल और संस्थाएं नागरिकों के विशाल जनादेश का सम्मान करें : पाकिस्तान के राष्ट्रपति

पाकिस्तान नेशनल असेंबली चुनाव : खंडित जनादेश मिलने के बाद गठबंधन सरकार बनाने की कोशिशें तेज

राजनीतिक दल और संस्थाएं नागरिकों के विशाल जनादेश का सम्मान करें : पाकिस्तान के राष्ट्रपति
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी.
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने रविवार को कहा कि देश के आम चुनाव में मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं और युवाओं ने ‘‘जोर-शोर से अपनी इच्छा जता दी है.'' अल्वी ने सभी राजनीतिक दलों और संस्थाओं से नागरिकों के विशाल जनादेश का सम्मान करने का आग्रह किया.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 2018 में देश का राष्ट्रपति बनाए जाने से पहले अल्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे.

अल्वी ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘मुझे पाकिस्तान के लोगों, विशेषकर महिलाओं को बड़ी संख्या में बाहर आने, सभी दबावों को झेलने और लोकतंत्र के लिए खड़े होने के लिए बधाई देनी चाहिए. युवा विशेष उल्लेख के पात्र हैं और मैं मतदान प्रक्रिया में शांतिपूर्ण ढंग से भाग लेकर देश के बारे में फैसला करने के लिए उनकी प्रशंसा करता हूं.''

अतीत में पीटीआई समर्थक कार्यों के लिए पहचाने जाने वाले राष्ट्रपति ने एक ‘पोस्ट' में कहा, ‘‘उन्होंने लोकतंत्र में विश्वास जताया है. यह विश्वास बहुत कीमती है, यह इतिहास में दर्ज होगा और इसे स्वीकार जाना चाहिए.''

अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान के सामने मौजूद गंभीर वित्तीय संकट से बाहर आने के लिए एक सच्चा जनादेश आवश्यक है ताकि देश अतीत की कड़वाहट को दूर करने और सुधार के लिए कठिन निर्णय ले सके.

जीतने वालों में सबसे अधिक इमरान समर्थक

पाकिस्तान के आम चुनाव (नेशनल असेंबली चुनाव) में खंडित जनादेश सामने आने के बाद राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए की कोशिशें तेज कर दीं. पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए गुरुवार को मतदान हुआ था. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने रविवार को आम चुनाव के अंतिम परिणाम घोषित किए. इस चुनाव में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) 75 सीटें जीतकर तकनीकी रूप से संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 54 सीटें मिली हैं, जबकि विभाजन के दौरान भारत से आए उर्दू भाषी लोगों की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) को 17 सीटें मिली हैं. बाकी 12 सीटों पर अन्य छोटे दलों ने जीत हासिल की है.

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) ने जिन 265 सीटों पर चुनाव हुआ था उनमें से 264 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए हैं. चुनाव नतीजों की घोषणा में असामान्य देरी के कारण कई दलों ने देश भर में हंगामा और विरोध-प्रदर्शन किया.

पंजाब प्रांत के खुशाब में एनए-88 सीट का परिणाम ईसीपी ने धोखाधड़ी की शिकायतों के कारण रोक दिया था और पीड़ितों की शिकायतों के निवारण के बाद इसकी घोषणा की जाएगी. एक उम्मीदवार की मौत के कारण एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था.

निर्दलीय उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली में 101 सीटें हासिल की हैं. इनमें से ज्यादातर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा समर्थित थे.

सरकार बनाने के लिए 133 सीटों की जरूरत

सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 133 सीटों की जरूरत होगी. कुल मिलाकर, साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीटों की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीटें भी शामिल हैं.

नवाज शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए गठबंधन सरकार बनाने का आह्वान किया. माना जाता है कि शरीफ को देश की शक्तिशाली सेना का समर्थन प्राप्त है. पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ ने अपने छोटे भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दलों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा है, जिन्होंने पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है.

एमक्यूएम-पी का एक प्रतिनिधिमंडल लाहौर में है और उसने शहबाज के साथ बैठक की. एमक्यूएम प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ खालिद मकबूल सिद्दीकी कर रहे हैं. बैठक में शहबाज शरीफ, मरियम नवाज और पार्टी के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं. शहबाज ने कहा, ‘‘बैठक में सरकार गठन को लेकर चर्चा होगी.''

एमक्यूएम-पी नेता हैदर रिजवी ने एक इंटरव्यू में ‘जियो न्यूज' को बताया है कि उनकी पार्टी पीएमएल-एन के साथ अधिक सहज होगी क्योंकि पीपीपी या अन्य पार्टियों के विपरीत ‘‘दोनों पार्टियों ने कराची में प्रतिस्पर्धा नहीं की है.''

इस बीच, ‘पीटीआई' नेता गौहर खान ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी. हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह संभव नहीं है. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने ‘पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेजिस्लेटिव डेवलपमेंट एंड ट्रांसपेरेंसी' (पीआईएलडीएटी) के प्रमुख अहमद बिलाल महबूब के हवाले से अपनी खबर में कहा कि ‘पीटीआई' जाहिर तौर पर पीएमएल-एन या अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किए बिना सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है जबकि पीपीपी के पास संसद के निचले सदन में बहुमत का दावा करने के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं है.

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