सियोल/नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 26-27 मार्च को आयोजित परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को यहां पहुंच गए। शिखर सम्मेलन से पहले वह 24-25 को दक्षिण कोरिया के आधिकारिक दौरे पर होंगे।
मनमोहन सिंह, दुनिया के 57 नेताओं के साथ परमाणु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हो रहे हैं। दुनिया के नेता परमाणु आतंकवाद से पैदा हो रहे वैश्विक खतरे और संवेदनशील परमाणु सामग्रियों व प्रौद्योगिकी तक आतंकवादियों को पहुंचने से रोकने के लिए जरूरी उपायों पर इस सम्मेलन में चर्चा करेंगे।
प्रस्थान से पहले नई दिल्ली में शुक्रवार को अपने बयान में मनमोहन सिंह ने परमाणु ऊर्जा के लाभ अर्जित करने में जनता का समर्थन बनाए रखने के लिए उच्चस्तरीय परमाणु सुरक्षा बनाए रखने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा, "भारत अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने व ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने परमाणु बिजली कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है। परमाणु ऊर्जा के फायदों के प्रति जनता का समर्थन हासिल करने के लिए हमें उन्हें अधिकतम परमाणु सुरक्षा देने के प्रति आश्वस्त करना होगा।"
सिंह ने कहा था कि पिछले वर्ष जापान में फुकुशिमा त्रासदी के बाद परमाणु सुरक्षा की आवश्यकता अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने बताया कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचा मजबूत बनाने के लिए एक राष्ट्रीय रिपोर्ट पेश की है और शिखर सम्मेलन के दौरान इसे साझा किया जाएगा।
सिंह ने कहा, "मैं वहां परमाणु सुरक्षा व परमाणु अप्रसार से जुड़ी अपनी उच्च प्राथमिकता व इस सम्बंध में अपने बेदाग रिकॉर्ड के सम्बंध में बताऊंगा। मैं दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाने के प्रति भारत के सतत समर्थन को भी रेखांकित करूंगा।" उन्होंने कहा कि इस दौरान शिखर सम्मेलन में पहुंचने वाले अन्य देशों के कई नेताओं से भी मुलाकात का अवसर मिलेगा।
सिंह ने कहा कि उन्हें दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक के साथ अपनी द्विपक्षीय मुलाकात का भी इंतजार है। इस दौरान दोनों देश वीजा जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों की मुलाकात के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, "दक्षिण कोरिया भारत की 'पूर्वोन्मुखी' नीति का एक रणनीतिक साझीदार व मुख्य स्तंभ है। हमारे बीच व्यापार व निवेश का जीवंत सम्बंध है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा व ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी भागीदारी बहुत ज्यादा है।"
प्रधानमंत्री दक्षिण कोरियाई कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ 26 मार्च की सुबह मुलाकात करेंगे।
मनमोहन सिंह, दुनिया के 57 नेताओं के साथ परमाणु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हो रहे हैं। दुनिया के नेता परमाणु आतंकवाद से पैदा हो रहे वैश्विक खतरे और संवेदनशील परमाणु सामग्रियों व प्रौद्योगिकी तक आतंकवादियों को पहुंचने से रोकने के लिए जरूरी उपायों पर इस सम्मेलन में चर्चा करेंगे।
प्रस्थान से पहले नई दिल्ली में शुक्रवार को अपने बयान में मनमोहन सिंह ने परमाणु ऊर्जा के लाभ अर्जित करने में जनता का समर्थन बनाए रखने के लिए उच्चस्तरीय परमाणु सुरक्षा बनाए रखने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा, "भारत अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने व ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने परमाणु बिजली कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है। परमाणु ऊर्जा के फायदों के प्रति जनता का समर्थन हासिल करने के लिए हमें उन्हें अधिकतम परमाणु सुरक्षा देने के प्रति आश्वस्त करना होगा।"
सिंह ने कहा था कि पिछले वर्ष जापान में फुकुशिमा त्रासदी के बाद परमाणु सुरक्षा की आवश्यकता अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने बताया कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचा मजबूत बनाने के लिए एक राष्ट्रीय रिपोर्ट पेश की है और शिखर सम्मेलन के दौरान इसे साझा किया जाएगा।
सिंह ने कहा, "मैं वहां परमाणु सुरक्षा व परमाणु अप्रसार से जुड़ी अपनी उच्च प्राथमिकता व इस सम्बंध में अपने बेदाग रिकॉर्ड के सम्बंध में बताऊंगा। मैं दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाने के प्रति भारत के सतत समर्थन को भी रेखांकित करूंगा।" उन्होंने कहा कि इस दौरान शिखर सम्मेलन में पहुंचने वाले अन्य देशों के कई नेताओं से भी मुलाकात का अवसर मिलेगा।
सिंह ने कहा कि उन्हें दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक के साथ अपनी द्विपक्षीय मुलाकात का भी इंतजार है। इस दौरान दोनों देश वीजा जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों की मुलाकात के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, "दक्षिण कोरिया भारत की 'पूर्वोन्मुखी' नीति का एक रणनीतिक साझीदार व मुख्य स्तंभ है। हमारे बीच व्यापार व निवेश का जीवंत सम्बंध है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा व ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी भागीदारी बहुत ज्यादा है।"
प्रधानमंत्री दक्षिण कोरियाई कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ 26 मार्च की सुबह मुलाकात करेंगे।