महात्मा गांधीजी की फाइल फोटो
बीजिंग:
प्रधानमंत्री चीन में शंघाई के फुदान विश्वविद्यालय में अगले हफ्ते पहले गांधी अध्ययन केंद्र का उद्घाटन करेंगे। वह अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान एक योग कॉलेज खोलने की भी घोषणा करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि गांधी अध्ययन केंद्र चीन के फुदान विश्वविद्यालय में स्थापित किया जाएगा और इसके लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) की ओर से स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा। विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन के लिए पहले से एक केंद्र है।
हालांकि, यह पहला मौका है जब चीन में गांधी अध्ययन के प्रति एक समर्पित केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जबकि गांधी के विचारों पर कुछ पुस्तकें इससे पहले चीनी भाषा में प्रकाशित की जा चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए गांधी और उनके समकालिक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के माओत्से तुंग के दर्शन अलग-अलग थे। महात्मा गांधी ने अहिंसक संघर्ष की हिमायत की जबकि माओ का बंदूक की लड़ाई में यकीन था।
रविंद्रनाथ टैगोर और जवाहरलाल नेहरू को चीन में गांधी से ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है। साल 2009 में हुए एक सर्वेक्षण में चीन को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले 60 विदेशी नेताओं में टैगोर और नेहरू का प्रमुखता से जिक्र था। चीनी प्रधानमंत्री शी चिनफिंग पिछले साल अहमदाबाद की अपनी यात्रा के दौरान मोदी के साथ साबरमती आश्रम गए थे।
14 से 16 मई के बीच अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी चीन में एक योग कॉलेज की स्थापना की घोषणा भी करेंगे, जहां हाल के कुछ सालों में योग काफी लोकप्रिय हुआ है। चीन के युन्नान प्रांत में कॉलेज की स्थापना युन्ना मिंजु विश्वविद्यालय में की जाएगी।
भारत योग विशेषज्ञ मुहैया कराएगा और चीन को पहली बार योग तकनीक के मानकीकरण के बारे में मदद करेगा। चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ मोदी एक विशेष योग एवं चीनी मार्शल आर्ट ताई ची शो में शरीक होंगे, जिसका आयेाजन 15 मई को टेम्पल ऑफ हेवेन में होगा।
मोदी चीनी शहर शियान में 14 मई को पहुंचेंगे जहां वे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक वार्ता करंगें और बाद में औपचारिक वार्ता के लिए 15 मई को बीजिंग जाएंगे। वह शंघाई में अपनी यात्रा संपन्न करेंगे, जहां वह भारतीय समुदाय को संबोधित करने सहित कई अन्य कार्यक्रमों में शरीक होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि गांधी अध्ययन केंद्र चीन के फुदान विश्वविद्यालय में स्थापित किया जाएगा और इसके लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) की ओर से स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा। विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन के लिए पहले से एक केंद्र है।
हालांकि, यह पहला मौका है जब चीन में गांधी अध्ययन के प्रति एक समर्पित केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जबकि गांधी के विचारों पर कुछ पुस्तकें इससे पहले चीनी भाषा में प्रकाशित की जा चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए गांधी और उनके समकालिक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के माओत्से तुंग के दर्शन अलग-अलग थे। महात्मा गांधी ने अहिंसक संघर्ष की हिमायत की जबकि माओ का बंदूक की लड़ाई में यकीन था।
रविंद्रनाथ टैगोर और जवाहरलाल नेहरू को चीन में गांधी से ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है। साल 2009 में हुए एक सर्वेक्षण में चीन को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले 60 विदेशी नेताओं में टैगोर और नेहरू का प्रमुखता से जिक्र था। चीनी प्रधानमंत्री शी चिनफिंग पिछले साल अहमदाबाद की अपनी यात्रा के दौरान मोदी के साथ साबरमती आश्रम गए थे।
14 से 16 मई के बीच अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी चीन में एक योग कॉलेज की स्थापना की घोषणा भी करेंगे, जहां हाल के कुछ सालों में योग काफी लोकप्रिय हुआ है। चीन के युन्नान प्रांत में कॉलेज की स्थापना युन्ना मिंजु विश्वविद्यालय में की जाएगी।
भारत योग विशेषज्ञ मुहैया कराएगा और चीन को पहली बार योग तकनीक के मानकीकरण के बारे में मदद करेगा। चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ मोदी एक विशेष योग एवं चीनी मार्शल आर्ट ताई ची शो में शरीक होंगे, जिसका आयेाजन 15 मई को टेम्पल ऑफ हेवेन में होगा।
मोदी चीनी शहर शियान में 14 मई को पहुंचेंगे जहां वे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक वार्ता करंगें और बाद में औपचारिक वार्ता के लिए 15 मई को बीजिंग जाएंगे। वह शंघाई में अपनी यात्रा संपन्न करेंगे, जहां वह भारतीय समुदाय को संबोधित करने सहित कई अन्य कार्यक्रमों में शरीक होंगे।
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