पीएम मोदी की फाइल फोटो
अबु धाबी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को अबु धाबी पहुंचेंगे। पिछले 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होगी।
इस दौरान उनकी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अरब अर्थव्यवस्था के नेतृत्व के साथ बातचीत होगी। यहां माना जा रहा है कि इस वार्ता में आईएसआईएस के खतरे का मुद्दा उठ सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) का मुद्दा बातचीत में उठ सकता है, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यूएई आतंकी समूह को एक बड़े खतरे के रूप में देखता है और वह इससे निबटने के लिए हर उपाय करेगा।
प्रधानमंत्री अपनी अरब यात्रा की शुरुआत शेख जायद जामा मस्जिद जाकर करेंगे। इसे दुनिया की विशालतम मस्जिद माना जाता है।
इस्लामी संस्कृति के मुख्य केंद्र इस मस्जिद को इस्लामी वास्तुशास्त्र डिजाइन की उत्कृष्ट मिसाल माना जाता है। 1996 से 2007 के बीच निर्मित इस मस्जिद में करीब 40 हजार लोग एक साथ जा सकते हैं।
मस्जिद जाने के बाद मोदी वहां भारतीय कामगारों के एक समूह से मुलाकात करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी मस्दर शहर भी जाएंगे। यह शहर प्रदूषण रहित और उच्च प्रौद्योगिकी वाला शहर माना जाता है।
अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की कोशिश करेंगे और भारत को आकर्षक व्यापार गंतव्य के रूप से बढ़ावा देने के मकसद से निवेशकों से मुलाकात करेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी संयुक्त अरब अमीरात गई थीं। मोदी की यात्रा को भारत-यूएई के बीच व्यापार एवं सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
इस दौरान उनकी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अरब अर्थव्यवस्था के नेतृत्व के साथ बातचीत होगी। यहां माना जा रहा है कि इस वार्ता में आईएसआईएस के खतरे का मुद्दा उठ सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) का मुद्दा बातचीत में उठ सकता है, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यूएई आतंकी समूह को एक बड़े खतरे के रूप में देखता है और वह इससे निबटने के लिए हर उपाय करेगा।
प्रधानमंत्री अपनी अरब यात्रा की शुरुआत शेख जायद जामा मस्जिद जाकर करेंगे। इसे दुनिया की विशालतम मस्जिद माना जाता है।
इस्लामी संस्कृति के मुख्य केंद्र इस मस्जिद को इस्लामी वास्तुशास्त्र डिजाइन की उत्कृष्ट मिसाल माना जाता है। 1996 से 2007 के बीच निर्मित इस मस्जिद में करीब 40 हजार लोग एक साथ जा सकते हैं।
मस्जिद जाने के बाद मोदी वहां भारतीय कामगारों के एक समूह से मुलाकात करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी मस्दर शहर भी जाएंगे। यह शहर प्रदूषण रहित और उच्च प्रौद्योगिकी वाला शहर माना जाता है।
अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की कोशिश करेंगे और भारत को आकर्षक व्यापार गंतव्य के रूप से बढ़ावा देने के मकसद से निवेशकों से मुलाकात करेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी संयुक्त अरब अमीरात गई थीं। मोदी की यात्रा को भारत-यूएई के बीच व्यापार एवं सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
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