प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो
जिनेवा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ही दो से तीन स्विट्जरलैंड बनाने का आह्वान करते हुये सोमवार को स्विट्जरलैंड के उद्योगपतियों से भारत में घरेलू विनिर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान वहां के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ विस्तृत बातचीत की। इनमें एबीबी, लाफार्ज, नोवार्तिस, नेस्ले, रिऐटर और रोशे आदि शामिल हैं।
उद्योगपतियों की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुये उन्होंने स्विस घड़ी उद्योग से कहा कि उनकी घड़ियों पर लगने वाला हीरा गुजरात से आता है, इसलिए ‘‘मैं आपकी चिंताओं को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील हूं।’’ उन्होंने उद्योगपतियों एवं व्यावसायियों से कहा, ‘‘मेरे देश में दो से तीन स्विट्जरलैंड बनाने की जरूरत है। इसलिए भागीदारी के लिए व्यापक संभावनाएं हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक स्तर का विनिर्माण चाहिये। ऐसे में कौशल विकास का स्विट्जरलैंड का मॉडल हमारे लिये काफी उपयुक्त रहेगा।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत केवल 1.25 अरब लोगों का बाजार ही नहीं है, बल्कि हमारे पास कौशल भी है और ऐसी सरकार है जो कि उद्योग-धंधों के लिये खुला दिमाग रखती है।
इस दौरान उनकी बातचीत और विचार-विमर्श दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर केंद्रित रहा।
मोदी ने इस दौरान उद्यमियों को कारोबार परिवेश को बेहतर बनाने और इसे सुगम बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने स्विट्जरलैंड के उद्योगपतियों से कहा कि वह भारत में निवेश संभावनाओं का पता लगाएं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उद्योगपतियों की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुये उन्होंने स्विस घड़ी उद्योग से कहा कि उनकी घड़ियों पर लगने वाला हीरा गुजरात से आता है, इसलिए ‘‘मैं आपकी चिंताओं को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील हूं।’’ उन्होंने उद्योगपतियों एवं व्यावसायियों से कहा, ‘‘मेरे देश में दो से तीन स्विट्जरलैंड बनाने की जरूरत है। इसलिए भागीदारी के लिए व्यापक संभावनाएं हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक स्तर का विनिर्माण चाहिये। ऐसे में कौशल विकास का स्विट्जरलैंड का मॉडल हमारे लिये काफी उपयुक्त रहेगा।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत केवल 1.25 अरब लोगों का बाजार ही नहीं है, बल्कि हमारे पास कौशल भी है और ऐसी सरकार है जो कि उद्योग-धंधों के लिये खुला दिमाग रखती है।
इस दौरान उनकी बातचीत और विचार-विमर्श दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर केंद्रित रहा।
मोदी ने इस दौरान उद्यमियों को कारोबार परिवेश को बेहतर बनाने और इसे सुगम बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने स्विट्जरलैंड के उद्योगपतियों से कहा कि वह भारत में निवेश संभावनाओं का पता लगाएं।
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