काठमांडू:
नेपाल में एक निजी एयरलाइन कंपनी का डोर्नियर विमान त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उसमें सवार सभी 19 लोगों की मौत हो गई। मारे गए लोगों में सात ब्रिटिश और पांच चीनी नागरिक हैं।
हवाई अड्डा के अधिकारियों ने बताया कि सीता एयरवेज के इस छोटे विमान ने स्थानीय समयानुसार सुबह सवा छह बजे उड़ान भरी और दो मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार 16 यात्री तथा चालक दल के तीन सदस्य पहाड़ी इलाके में ट्रैकिंग के लिए माउंट एवरेस्ट का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले लुकला की ओर जा रहे थे।
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बचाव समन्वय समिति के अनुसार डोर्नियर विमान 9एन एचएस डी 228 हादसे में मारे गए 16 यात्रियों में से सात ब्रिटिश, पांच चीनी तथा चार नेपाली नागरिक हैं। चालक दल के तीनों सदस्य नेपाली थे। पुलिस, सेना तथा हवाई अड्डा कर्मचारी हादसे के तुरंत बाद राहत एवं बचाव कार्यों के लिए दुर्घटनास्थल को रवाना हो गए। अधिकारियों ने बताया कि विमान ने उड़ान भरते ही आग पकड़ ली और कोटेश्वर क्षेत्र में मनाहारा नदी के किनारे पर जा गिरा।
चालक दल के सदस्यों की पहचान कैप्टन बिजय टांडुकर, सह-पायलट तकेशी थापा तथा विमान परिचारिका रूजा शाक्या के रूप में हुई है। विमान हादसे के कारणों का तत्काल पता नहीं चल पाया है। हालांकि हवाई अड्डे के कुछ अधिकारियों का अनुमान है कि संभवत: आसमान में किसी पक्षी के विमान से टकराने के कारण वह उड़ान भरते ही लपटों में घिर गया और नदी के किनारे पर गिरने से पूर्व पायलट ने हो सकता है कि विमान को नदी के समीप उतारने की कोशिश की होगी।
सड़क और हवाई यातायात के मामले में देश का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है और नेपाल में पिछले दो सालों में यह छठी बड़ी विमान दुर्घटना है। इससे पूर्व, इस वर्ष मई में अग्नि एयर का डोर्नियर विमान काठमांडू के उत्तर में जोमसोम हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इस हादसे में 15 लोग मारे गए थे।
उस हादसे में मारे गए लोगों में 13 भारतीय तीर्थयात्री भी शामिल थे, जो तिब्बत सीमा के समीप प्रसिद्ध तीर्थस्थल मुक्तिनाथ को जा रहे थे। पिछले वर्ष सितंबर में एक छोटा बीच एयरक्राफ्ट काठमांडू के समीप गोदावरी गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इसमें 10 भारतीयों समेत 19 लोग मारे गए थे। यह विमान पर्यटकों को एवरेस्ट के समीप पहाड़ों की उड़ान पर लेकर जा रहा था।
हवाई अड्डा के अधिकारियों ने बताया कि सीता एयरवेज के इस छोटे विमान ने स्थानीय समयानुसार सुबह सवा छह बजे उड़ान भरी और दो मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार 16 यात्री तथा चालक दल के तीन सदस्य पहाड़ी इलाके में ट्रैकिंग के लिए माउंट एवरेस्ट का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले लुकला की ओर जा रहे थे।
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बचाव समन्वय समिति के अनुसार डोर्नियर विमान 9एन एचएस डी 228 हादसे में मारे गए 16 यात्रियों में से सात ब्रिटिश, पांच चीनी तथा चार नेपाली नागरिक हैं। चालक दल के तीनों सदस्य नेपाली थे। पुलिस, सेना तथा हवाई अड्डा कर्मचारी हादसे के तुरंत बाद राहत एवं बचाव कार्यों के लिए दुर्घटनास्थल को रवाना हो गए। अधिकारियों ने बताया कि विमान ने उड़ान भरते ही आग पकड़ ली और कोटेश्वर क्षेत्र में मनाहारा नदी के किनारे पर जा गिरा।
चालक दल के सदस्यों की पहचान कैप्टन बिजय टांडुकर, सह-पायलट तकेशी थापा तथा विमान परिचारिका रूजा शाक्या के रूप में हुई है। विमान हादसे के कारणों का तत्काल पता नहीं चल पाया है। हालांकि हवाई अड्डे के कुछ अधिकारियों का अनुमान है कि संभवत: आसमान में किसी पक्षी के विमान से टकराने के कारण वह उड़ान भरते ही लपटों में घिर गया और नदी के किनारे पर गिरने से पूर्व पायलट ने हो सकता है कि विमान को नदी के समीप उतारने की कोशिश की होगी।
सड़क और हवाई यातायात के मामले में देश का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है और नेपाल में पिछले दो सालों में यह छठी बड़ी विमान दुर्घटना है। इससे पूर्व, इस वर्ष मई में अग्नि एयर का डोर्नियर विमान काठमांडू के उत्तर में जोमसोम हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इस हादसे में 15 लोग मारे गए थे।
उस हादसे में मारे गए लोगों में 13 भारतीय तीर्थयात्री भी शामिल थे, जो तिब्बत सीमा के समीप प्रसिद्ध तीर्थस्थल मुक्तिनाथ को जा रहे थे। पिछले वर्ष सितंबर में एक छोटा बीच एयरक्राफ्ट काठमांडू के समीप गोदावरी गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इसमें 10 भारतीयों समेत 19 लोग मारे गए थे। यह विमान पर्यटकों को एवरेस्ट के समीप पहाड़ों की उड़ान पर लेकर जा रहा था।
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