वैज्ञानिकों को वीनस यानी शुक्र ग्रह के वातावरण (Atmosphere of Venus)में फास्फीन गैस की मौजूदगी के संकेत मिले हैं, इसे पृथ्वी पर जीवन होने की संभावना प्रबल हुई है. वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सबसे निकटतम ग्रह की स्थिति के बारे में यह बात कही है. वीनस यानी शुक्र की स्थितियां आमतौर पर नारकीय मानी जाती है और यहां पर दिन का तापमान इतना अधिक हो जाता है कि सीसा (Lead) भी पिघल जाए. वीनस के वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की बहुत अधिक मौजूदगी के कारण ऐसा होता है.
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विशेषज्ञों की एक टीम ने हवाई और चिली के एटाकामा डिजर्ट से टेलिस्कोप लगाकर वीनस यानी शुक्र ग्रह के बादलों की ऊपरी झुंड का जायजा लिया. यह ग्रह से सरफेस से करीब 60 किमी की ऊंचाई पर है. इस दौरान उन्हें फॉस्फीन गैस के अंश मिले जो कि ज्वलनशील गैस है और यह पृथ्वी पर तब बनती है जब कार्बन का अंश टूटते हैं.
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हालांकि नेचल एस्ट्रोनॉमी के बारे में अनुमान लगाते हुए टीम इस बात पर भी जोर दिया कि केवल फॉस्फीन गैस की मौजूदगी को वीनस पर जीवन मौजूद होने के पक्के सबूत के रूप में नहीं माना जा सकता. हालांकि वीनस के आसपास के बादल बेहद अम्लीय (Highly acidic) हैं, इस कारण फॉस्फीन गैस तेजी से नष्ट हो रही थी. हालांकि रिसर्च ने यह भी दिखाया है कि किसी चीज के कारण फॉस्फीन फिर से बन रही थी. स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर और रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष वैज्ञानिक एलेन डफी ने कहा कि यह पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन की मौजूदगी के होने का सबसे रोमांचक संकेत है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं