लंदन:
ब्रिटेन के फोन हैकिंग कांड की जांच के दायरे के विस्तार होने के साथ ही जांचकर्ताओं को और संसाधन दिए जा रहे हैं तथा उस पिछली जांच की फाइलें भी खंगाली जा रही हैं, जिसकी वजह से रूपर्ट मर्डोक के अखबार और कई अन्य अखबारों को अपने शीर्षक बदलने पड़े थे। मौजूदा जांच कर रही पुलिस ने वर्ष 2003 में सूचना आयुक्त द्वारा की गई 'ऑपरेशन मोटरमैन' नामक जांच की फाइलें मंगवाई हैं। समाचार संकलन गलत तरीके से करने की बात पिछली जांच से भी स्पष्ट हो गई थी, जिसमें खुलासा किया गया था कि 300 पत्रकारों और 21 प्रकाशनों ने गोपनीय सूचनाएं हासिल करने के लिए निजी जांचकर्ता को 4000 बार अनुरोध किए थे। बीबीसी की खबर के मुताबिक कई मामले में अवैध तरीके के प्रयोग के संकेत मिले। जांच में पता चला था कि 'डेली मेल' ने सर्वाधिक अनुरोध किए था और 'संडे पीपुल' एवं 'डेली मिरर' क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे थे। हालांकि 'डेली मेल' ने कहा कि सूचनाएं जुटाने का कारण संभवत: जनहित था, जबकि 'ट्रिनिटी मिरर' का कहना है कि उसके पत्रकारों ने कानून के दायरे में काम किया। स्काटलैंड यार्ड ने कहा है कि 'ऑपरेशन वीटिंग' नामक मौजूदा जांच में तेजी लाने और जांच कार्य को सुगम बनाने के लिए अधिकारियों की संख्या 45 से बढ़ाकर 60 कर दी गई है। मेट्रोपोलिटन पुलिस की उप सहायक आयुक्त स्यू अकर्स ने कहा कि पिछले 15 दिन में काम का दबाव बहुत बढ़ गया है, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। उन्होंने गृहमंत्रालय की प्रवर समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान सघन जांच की गारंटी दी। जांच में अधिकारियों की संख्या बढ़ाए जाने पर गृहमंत्रालय की प्रवर समिति के अध्यक्ष कीथ वाज ने कहा, यह अच्छी खबर है। ज्यादा संसाधन से चीजें जल्द सामने आएंगी।
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