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This Article is From Dec 14, 2021

फाइजर का कोविड टीका ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ देता है आंशिक सुरक्षा प्रदान

कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron) के खिलाफ फाइजर  का कोविड-19 रोधी टीका आंशिक सुरक्षा प्रदान करता है.

फाइजर का कोविड टीका ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ देता है आंशिक सुरक्षा प्रदान
डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को ‘चिंताजनक स्वरूप’ के तौर पर वर्णित किया है. इस स्वरूप में लगभग 50 बार बदलाव हो चुके हैं.
जोहानिसबर्ग:

फाइजर (Pfizer) की कोरोना रोधी वैक्सीन की डोज लेने वाले लोगों के लिये शुरुआती तौर पर चिंताजनक खबर आई है.  रिसर्च में पाया है कि फाइजर का कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) के खिलाफ टीका वास्तव में वायरस के अन्य प्रमुख संस्करणों की तुलना में कम प्रतिरक्षा प्रदान करता है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron) के खिलाफ फाइजर का कोविड-19 रोधी टीका आंशिक सुरक्षा प्रदान करता है. अध्ययन का अभी विशेषज्ञों ने मूल्यांकन नहीं किया है. मंगलवार को इसे वेबसाइट ‘मेडरेक्सिव' (MedRxiv) पर साझा किया गया. रिसर्च में पता चला है कि कि उन लोगों में काफी प्रतिरोधक क्षमता अधिक बनी, जिन्होंने टीके की दोनों खुराक ली थी और जो संक्रमित हो चुके थे.

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कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन' की पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने की थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘चिंताजनक स्वरूप' के तौर पर वर्णित किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्वरूप में लगभग 50 बार बदलाव हो चुके हैं. इनमें से 32 बदलाव स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में हुए हैं जिसके जरिए वायरस इंसानों की कोशिकाओं में प्रवेश करता है. दक्षिण अफ्रीका के ‘अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान' के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर विलेम हानेकोम ने कहा, ‘‘इन महत्वपूर्ण प्रयोगशाला डेटा के नैदानिक ​​प्रभावों की पुष्टि करना जरूरी है. ऐसा अनुमान है कि टीकों से इस स्वरूप के खिलाफ कम सुरक्षा मिल पाएगी.''

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 उन्होंने कहा, ‘‘ महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिकांश टीका निर्माता इस बात से सहमत हैं कि मौजूदा टीके अब भी गंभीर बीमारी और ‘ओमिक्रॉन' से मौत होने के डर के खिलाफ कारगार हैं. इसलिए जरूरी है कि सभी लोग टीके लगवाएं.'' अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात की जांच की क्या कोविड-19 रोधी ‘फाइज़र एमआरएनए' टीका, वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन' के खिलाफ कारगर है या नहीं और क्या उसे मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने लिए ‘एसीई 2 रिसेप्टर' की जरूरत है. ‘एंजियोटिन्सिन कन्वर्टिंग एंजाइम-2' रिसेप्टर्स एक तरह का एंजाइम है, जो मानव शरीर के हृदय, फेफड़े, धमनियों, गुर्दे और आंत में कोशिका की सतह से जुड़ा होता है.

यही मानव शरीर में वायरस के दाखिल होने जरिया बनता है. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि ‘ओमिक्रॉन' को मानव शरीर में दाखिल होने के लिए एसीई2 की जरूरत पड़ती है. अध्ययन में पाया गया कि पहले से सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लोगों के टीका लगने के तुरंत बाद लिए नमूनों में संक्रमण के खिलाफ उसका असर काफी अधिक दिखा. वहीं, केवल टीका लेने वालों पर इसका असर 41 गुना कम दिखा.

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