
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का फाइल फोटो...
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इस बयान से पाक की सरकारी व्यवस्था में सेना के प्रभाव का संकेत मिलता है.
उन्होंने (राहील शरीफ) मेरी मदद की. मैं उनका बॉस रहा हूं- मुशर्रफ
परदे के पीछे से सेना प्रमुख ने दबाव खत्म करने में भूमिका निभाई- परवेज
मुशर्रफ ने बीती रात 'दुनिया न्यूज' से कहा कि शरीफ ने अदालतों पर दबाव बनाने से सरकार को रोककर देश छोड़ने में उनकी मदद की.
उन्होंने कहा, 'उन्होंने (राहील शरीफ) मेरी मदद की. मैं उनका बॉस रहा हूं और मैं उनसे पहले सेना प्रमुख था. उन्होंने मेरी मदद की, क्योंकि मामले राजनीति से प्रेरित थे, उन्होंने मुझे बाहर नहीं जा सकने वाली सूची 'एक्जिट कंट्रोल लिस्ट' (ईसीएल) में डाल दिया, उन्होंने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया'. इस बारे में ब्यौरा पूछे जाने पर मुशर्रफ (73) ने कहा कि जनरल शरीफ ने देश छोड़ने से रोकने के लिए अदालतों पर बने दबाव को खत्म करने का काम किया.
मुशर्रफ के इस बयान से कुछ सप्ताह पहले नवंबर महीने में जनरल शरीफ ने सेना प्रमुख का तीन साल का कार्यकाल पूरा किया. उनके स्थान पर जनरल कमर जावेद बाजवा सेना प्रमुख बने.
उन्होंने कहा, 'परदे के पीछे से सेना प्रमुख ने दबाव खत्म करने में भूमिका निभाई'. मुशर्रफ इस साल मार्च में उस वक्त पाकिस्तान से बाहर निकलने में कामयाब रहे जब गृह मंत्रालय ने उनका नाम ईसीएल से हटाने की अधिसूचना जारी की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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