इस्लामाबाद:
एक पाकिस्तानी आतंकवाद निरोधी अदालत ने ‘घोषित अपराधी’ एवं पूर्व सैन्य तानाशाह पररवेज मुशर्रफ से कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या की जांच में सहयोग करें।
मुशर्रफ को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित उनके विला से रावलपिंडी आधारित अदालत ले जाया गया। उन्हें इस विला में नजरबंद रखा गया है।
पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति को न्यायाधीश चौधरी हबीबुर रहमान के सामने पेश किया गया। 2008 में मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब वह रावलपिंडी स्थित अदालत के समक्ष पेश हुए।
उनके वकील ने न्यायाधीश से कहा कि वह उस आदेश को निरस्त करें, जिसमें मुशर्रफ को भगोड़ा करार दिया गया है। वकील ने पूर्व सैन्य शासक के बैंक खातों और संपत्तियों के परिचालन पर लगी रोक भी खत्म करने का आग्रह किया।
सुरक्षा कारणों से बंद कमरे में सुनवाई कर रही अदालत ने जांच में मुशर्रफ के सहयोग नहीं करने के चलते उन्हें 2011 में भगोड़ा घोषित कर दिया था और उनकी संपत्ति के परिचालन पर रोक लगा दी थी।
पूर्व सेना प्रमुख के वकील ने कहा कि ये आदेश वापस लिए जाने चाहिए, क्योंकि अब वह अदालत में पेश हो रहे हैं। मुशर्रफ पर 2007 में आत्मनिर्वासन से वतन लौटीं बेनजीर भुट्टो को नाकाफी सुरक्षा देने का आरोप है। 27 दिसंबर 2007 को एक राजनीतिक रैली के दौरान उनकी हत्या कर दी गई।
न्यायाधीश ने मुशर्रफ को जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुनवाई 3 मई तक स्थगित कर दी।
फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मुख्य अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने रिपोर्टर को बताया कि मुशर्रफ ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं किया।
अली ने कहा, वह एक महीने तक जमानत पर थे, लेकिन जांच में शामिल नहीं हुए। आज पहला मौका है जब वह अदालत में पेश हुए। मुशर्रफ चक शहजाद में अपने फार्महाउस में रह रहे हैं, जिसे पिछले हफ्ते उपकारा घोषित कर दिया गया। सुनवाई के बाद मुशर्रफ को कड़ी सुरक्षा में फार्महाउस लौटा दिया गया।
अदालत के बाहर, ढेर सारे वकीलों की हाथापाई मुशर्रफ के समर्थकों के साथ हुई। वकीलों ने पूर्व तानाशाह के समर्थकों को डंडों से पीटा और कई कारों को नुकसान पहुंचाया।
टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में दोनों समूहों को अदालत परिसर के बाहर एक सड़क पर एक-दूसरे पर पत्थरबाजी करते दिखाया गया।
मुशर्रफ को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित उनके विला से रावलपिंडी आधारित अदालत ले जाया गया। उन्हें इस विला में नजरबंद रखा गया है।
पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति को न्यायाधीश चौधरी हबीबुर रहमान के सामने पेश किया गया। 2008 में मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब वह रावलपिंडी स्थित अदालत के समक्ष पेश हुए।
उनके वकील ने न्यायाधीश से कहा कि वह उस आदेश को निरस्त करें, जिसमें मुशर्रफ को भगोड़ा करार दिया गया है। वकील ने पूर्व सैन्य शासक के बैंक खातों और संपत्तियों के परिचालन पर लगी रोक भी खत्म करने का आग्रह किया।
सुरक्षा कारणों से बंद कमरे में सुनवाई कर रही अदालत ने जांच में मुशर्रफ के सहयोग नहीं करने के चलते उन्हें 2011 में भगोड़ा घोषित कर दिया था और उनकी संपत्ति के परिचालन पर रोक लगा दी थी।
पूर्व सेना प्रमुख के वकील ने कहा कि ये आदेश वापस लिए जाने चाहिए, क्योंकि अब वह अदालत में पेश हो रहे हैं। मुशर्रफ पर 2007 में आत्मनिर्वासन से वतन लौटीं बेनजीर भुट्टो को नाकाफी सुरक्षा देने का आरोप है। 27 दिसंबर 2007 को एक राजनीतिक रैली के दौरान उनकी हत्या कर दी गई।
न्यायाधीश ने मुशर्रफ को जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुनवाई 3 मई तक स्थगित कर दी।
फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मुख्य अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने रिपोर्टर को बताया कि मुशर्रफ ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं किया।
अली ने कहा, वह एक महीने तक जमानत पर थे, लेकिन जांच में शामिल नहीं हुए। आज पहला मौका है जब वह अदालत में पेश हुए। मुशर्रफ चक शहजाद में अपने फार्महाउस में रह रहे हैं, जिसे पिछले हफ्ते उपकारा घोषित कर दिया गया। सुनवाई के बाद मुशर्रफ को कड़ी सुरक्षा में फार्महाउस लौटा दिया गया।
अदालत के बाहर, ढेर सारे वकीलों की हाथापाई मुशर्रफ के समर्थकों के साथ हुई। वकीलों ने पूर्व तानाशाह के समर्थकों को डंडों से पीटा और कई कारों को नुकसान पहुंचाया।
टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में दोनों समूहों को अदालत परिसर के बाहर एक सड़क पर एक-दूसरे पर पत्थरबाजी करते दिखाया गया।
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