पेरिस:
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी से मुलाकात के बाद उम्मीद जताई कि क्लाइमेट चेंज पर माथापच्ची कर रहे सभी देश शुक्रवार तक किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे।
जावड़ेकर ने कैरी से घंटे भर तक मुलाकात की। भारत अभी पेरिस में समझौते के मौजूदा ड्राफ्ट से खुश नहीं है। जावड़ेकर ने बुधवार देर रात पेरिस कमेटी मीटिंग में ड्राफ्ट के कई पहलुओं पर असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि ड्राफ्ट में विकसित और विकासशील देशों की जिम्मेदारी में फर्क नहीं किया गया है। भारत ने समझौते को लेकर पारदर्शिता के बिंदुओं पर सवाल उठाए और क्लाइमेट फाइनेंस के मुद्दे पर भी असंतोष जताया था।
लेकिन गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी से मुलाकात के बाद जावड़ेकर आशावादी दिखे। भारत लगातार मांग कर रहा है कि कार्बन इमीशन कम करने के लिए कौन सा देश कितने बड़े और कैसे टार्गेट तय कर रहा है, इसे समझौते में होना चाहिए। अमीर देशों को अपने कार्बन इमीशन में बड़ी कटौती करनी चाहिए और साफ सुथरी ऊर्जा यानी सौर और पवन ऊर्जा के लिए विकासशील देशों को पैसा और टेक्नोलॉजी देनी चाहिए।
जावड़ेकर ने कैरी से घंटे भर तक मुलाकात की। भारत अभी पेरिस में समझौते के मौजूदा ड्राफ्ट से खुश नहीं है। जावड़ेकर ने बुधवार देर रात पेरिस कमेटी मीटिंग में ड्राफ्ट के कई पहलुओं पर असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि ड्राफ्ट में विकसित और विकासशील देशों की जिम्मेदारी में फर्क नहीं किया गया है। भारत ने समझौते को लेकर पारदर्शिता के बिंदुओं पर सवाल उठाए और क्लाइमेट फाइनेंस के मुद्दे पर भी असंतोष जताया था।
लेकिन गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी से मुलाकात के बाद जावड़ेकर आशावादी दिखे। भारत लगातार मांग कर रहा है कि कार्बन इमीशन कम करने के लिए कौन सा देश कितने बड़े और कैसे टार्गेट तय कर रहा है, इसे समझौते में होना चाहिए। अमीर देशों को अपने कार्बन इमीशन में बड़ी कटौती करनी चाहिए और साफ सुथरी ऊर्जा यानी सौर और पवन ऊर्जा के लिए विकासशील देशों को पैसा और टेक्नोलॉजी देनी चाहिए।
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