पुलिस सूत्रों के अनुसार कॉन्सर्ट की जगह पर 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं
पेरिस:
एक फ्रेंच रेडियो रिपोर्टर ने पेरिस के बैटाकलां थिएटर में हुए हमले को अपनी आंखों के सामने होते हुए देखा जिसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा 'वह 'डरावने 10 मिनट' जब काले कपड़े पहने बंदूकधारी एके 47 लेकर अंदर घुसे और बिना किसी जल्दबाज़ी के कॉन्सर्ट देखने वाले कई लोगों पर गोलियां चलाने लगे। फ्रांस के युरोप 1 रेडियो स्टेशन के रिपोर्टर जुलियन पियर्स ने समाचार चैनल सीएनएन से बातचीत में इस हादसे को 'नरसंहार' बताया है।
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पियर्स ने कहा 'लोग चीख रहे थे, चिल्ला रहे थे और सब के सब ज़मीन पर गिरे पड़े थे, यह सब कुछ 10 मिनट तक चला, 10 मिनट, डरावने 10 मिनट जब सब लोग अपना सिर बचाकर ज़मीन पर लेटे हुए थे।' इसके आगे रेडियो रिपोर्टर ने कहा 'हमें गोलियों की आवाज़े सुनाई दे रहीं थी और आतंकवादी बिल्कुल जल्दी में नहीं थे, वे काफी पक्के इरादों के साथ आए लग रहे थे, उन्होंने तीन चार बार अपने हथियार को रिलोड किया और वह बिल्कुल नहीं चिल्लाए। उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा।'
पियर्स ने याद करते हुए बताया कि करीब 20 से 25 लाशें ज़मीन पर गिरी थी और बाकी लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कॉन्सर्ट की जगह पर करीब 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। एक और चश्मदीद गवाह ने कहा कि एक बंदूकधारी ने 'अल्लाह हो अक़बर' का नाम लेते हुए उस घबराई हुई भीड़ पर गोलियां बरसानी शुरु कर दी जो बैटाकलां थिएटर में शुक्रवार रात एक अमेरिकी रॉक बैंड ईगल्स ऑफ डेथ मेटल का कार्यक्रम देखने आई हुई थी।
चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें
पियर्स ने कहा कि वह खुशकिस्मत थे कि जब बंदूकधारियों ने गोलियां चलानी शुरु की तब वह स्टेज के पास खड़े थे। बाहर जाने के रास्ते को ढूंढने के लिए लोगों ने ज़मीन पर पड़ी लाशों के ऊपर से भागना शुरु कर दिया। जब आतंकवादी अपनी बंदूकों में फिर से गोलियां भर रहे थे, उस बीच मैं स्टेज पर चढ़ा और मुझे बाहर का रास्ता मिल गया।
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यह पत्रकार अपने साथ एक लड़की को भी लेकर टैक्सी में भागा जो बुरी तरह घायल थी और ड्रायवर की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पियर्स ने बताया कि जिस वक्त वह सीएनएन से बात कर रहे हैं, उस दौरान उनके कुछ दोस्त थिएटर में अभी भी छुपे हुए हैं। पियर्स के मुताबिक उन्होंने एक बंदूकधारी की शक्ल भी देखी थी जिसकी उम्र करीब 20 से 25 साल के बीच थी।
जब पियर्स से पूछा गया कि क्या वह उन आतंकियों की भाषा समझ पा रहे थे तो जवाब मिला 'मैंने कुछ नहीं सुना, सिर्फ चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें आ रहीं थी। उन लोगों ने कुछ नहीं बोला, वो बिल्कुल नहीं चिल्लाए। वो बस मार रहे थे, गोलियां चला रहे थे। लोगों को निशाना बना रहे थे।'
इस डरावने हादसे को याद करते हुए जुलियन पीयर्स ने कहा 'जो हुआ वो दर्दनाक था, वो गोलियों के 10- 5 मिनट जब एक छोटे से कॉन्सर्ट रूम में गोलियां चलाई जा रही थी। वो बहुत छोटा सा हॉल था जहां अधिकतम 2000 लोग होंगे और वहां जो कुछ हुआ वो बहुत डरावना था।'
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पियर्स ने कहा 'लोग चीख रहे थे, चिल्ला रहे थे और सब के सब ज़मीन पर गिरे पड़े थे, यह सब कुछ 10 मिनट तक चला, 10 मिनट, डरावने 10 मिनट जब सब लोग अपना सिर बचाकर ज़मीन पर लेटे हुए थे।' इसके आगे रेडियो रिपोर्टर ने कहा 'हमें गोलियों की आवाज़े सुनाई दे रहीं थी और आतंकवादी बिल्कुल जल्दी में नहीं थे, वे काफी पक्के इरादों के साथ आए लग रहे थे, उन्होंने तीन चार बार अपने हथियार को रिलोड किया और वह बिल्कुल नहीं चिल्लाए। उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा।'
पियर्स ने याद करते हुए बताया कि करीब 20 से 25 लाशें ज़मीन पर गिरी थी और बाकी लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कॉन्सर्ट की जगह पर करीब 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। एक और चश्मदीद गवाह ने कहा कि एक बंदूकधारी ने 'अल्लाह हो अक़बर' का नाम लेते हुए उस घबराई हुई भीड़ पर गोलियां बरसानी शुरु कर दी जो बैटाकलां थिएटर में शुक्रवार रात एक अमेरिकी रॉक बैंड ईगल्स ऑफ डेथ मेटल का कार्यक्रम देखने आई हुई थी।
चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें
पियर्स ने कहा कि वह खुशकिस्मत थे कि जब बंदूकधारियों ने गोलियां चलानी शुरु की तब वह स्टेज के पास खड़े थे। बाहर जाने के रास्ते को ढूंढने के लिए लोगों ने ज़मीन पर पड़ी लाशों के ऊपर से भागना शुरु कर दिया। जब आतंकवादी अपनी बंदूकों में फिर से गोलियां भर रहे थे, उस बीच मैं स्टेज पर चढ़ा और मुझे बाहर का रास्ता मिल गया।
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यह पत्रकार अपने साथ एक लड़की को भी लेकर टैक्सी में भागा जो बुरी तरह घायल थी और ड्रायवर की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पियर्स ने बताया कि जिस वक्त वह सीएनएन से बात कर रहे हैं, उस दौरान उनके कुछ दोस्त थिएटर में अभी भी छुपे हुए हैं। पियर्स के मुताबिक उन्होंने एक बंदूकधारी की शक्ल भी देखी थी जिसकी उम्र करीब 20 से 25 साल के बीच थी।
जब पियर्स से पूछा गया कि क्या वह उन आतंकियों की भाषा समझ पा रहे थे तो जवाब मिला 'मैंने कुछ नहीं सुना, सिर्फ चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें आ रहीं थी। उन लोगों ने कुछ नहीं बोला, वो बिल्कुल नहीं चिल्लाए। वो बस मार रहे थे, गोलियां चला रहे थे। लोगों को निशाना बना रहे थे।'
इस डरावने हादसे को याद करते हुए जुलियन पीयर्स ने कहा 'जो हुआ वो दर्दनाक था, वो गोलियों के 10- 5 मिनट जब एक छोटे से कॉन्सर्ट रूम में गोलियां चलाई जा रही थी। वो बहुत छोटा सा हॉल था जहां अधिकतम 2000 लोग होंगे और वहां जो कुछ हुआ वो बहुत डरावना था।'
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