वाशिंगटन:
अमेरिकी प्रांत कैलिफोर्निया के एक स्कूल में सिखाए जा रहे विवादास्पद योग कार्यक्रम को हटाने के लिए अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
अभिभावकों मानना है कि यह विवादास्पद योग कार्यक्रम ‘अवैध रूप से’ धार्मिक विश्वासों को प्रोत्साहित करता है।
‘नेशनल सेंटर फॉर लॉ एंड पॉलिसी’ ने चिंतित अभिभावकों की ओर से यह मुकदमा दाखिल किया है। सेंटर ने सान दियागो की सुप्रीम कोर्ट से ‘एन्सिनीटास यूनियन स्कूल डिस्ट्रिक्ट’ के ‘अष्टांग योग’ कार्यक्रम को तत्काल निलंबित करके पारंपरिक खेल एवं संबंधित शिक्षा (फिजिकल एजुकेशन) कार्यक्रम बहाल करने की अपील की। इस मुकदमे में किसी आर्थिक मुआवजे की मांग नहीं की गई है।
इस मुकदमे के पक्ष में लिखते हुए हावर्ड शिक्षित धार्मिक अध्ययन के प्रोफेसर कैंडी गंथर ब्राउन ने कहा कि अष्टांग योग सहज और व्यापक रूप से धार्मिक है। इसका मूल हिंदू, बौद्ध, ताओ और पश्चिमी आध्यात्मिक धार्मिक विश्वासों और परंपराओं में है।
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह कार्यक्रम कैलिफोर्निया के उनके संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है, जिनके अनुसार सरकार किसी धर्म को न तो प्रोत्साहित कर सकती है न ही किसी धर्म विशेष के साथ भेदभाव ही कर सकती है। अटॉर्नी डीन ब्रोयेल्स ने आरोप लगाया, ‘‘ईयूएसडी का अष्टांग योग कार्यक्रम जनता के विश्वास का गंभीर उल्लंघन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता को कुचलने के सरकारी प्रयास का स्पष्ट मामला है।’’ ब्रोयेल्स ने आरोप लगाया, ‘‘यह कार्यक्रम बहुत विभाजक है और इसका परिणाम उन बच्चों को शोषण, भेदभाव, छींटाकशी और अलगाव के रूप में भुगतना पड़ा जिन्होंने इस कार्यक्रम को अच्छे कारणों से अपनाया था।’’
इस जिले में केपी जोईस संस्था की ओर से योग के लिए 533,720 अमेरिकी डॉलर का अनुदान मिलने के बाद स्कूलों में योग शुरू किया गया था।
इस कार्यक्रम से अभिभावकों में रोष फैल गया। उनका मानना है कि अष्टांग योग उनके धार्मिक आस्था पर चोट कर रहा है।
उधर जोईस संस्था के प्रमुख कार्यकरी अधिकारी यूजीन राफिन ने अभिभावकों के आरोपों से इंकर करते हुए कहा, ‘‘योग के बहुत से सकारात्मक पक्ष हैं। वे सब कारगर हैं लेकिन हम किसी योग विशेष पर जोर नहीं दे रहे हैं।’’
अभिभावकों मानना है कि यह विवादास्पद योग कार्यक्रम ‘अवैध रूप से’ धार्मिक विश्वासों को प्रोत्साहित करता है।
‘नेशनल सेंटर फॉर लॉ एंड पॉलिसी’ ने चिंतित अभिभावकों की ओर से यह मुकदमा दाखिल किया है। सेंटर ने सान दियागो की सुप्रीम कोर्ट से ‘एन्सिनीटास यूनियन स्कूल डिस्ट्रिक्ट’ के ‘अष्टांग योग’ कार्यक्रम को तत्काल निलंबित करके पारंपरिक खेल एवं संबंधित शिक्षा (फिजिकल एजुकेशन) कार्यक्रम बहाल करने की अपील की। इस मुकदमे में किसी आर्थिक मुआवजे की मांग नहीं की गई है।
इस मुकदमे के पक्ष में लिखते हुए हावर्ड शिक्षित धार्मिक अध्ययन के प्रोफेसर कैंडी गंथर ब्राउन ने कहा कि अष्टांग योग सहज और व्यापक रूप से धार्मिक है। इसका मूल हिंदू, बौद्ध, ताओ और पश्चिमी आध्यात्मिक धार्मिक विश्वासों और परंपराओं में है।
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह कार्यक्रम कैलिफोर्निया के उनके संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है, जिनके अनुसार सरकार किसी धर्म को न तो प्रोत्साहित कर सकती है न ही किसी धर्म विशेष के साथ भेदभाव ही कर सकती है। अटॉर्नी डीन ब्रोयेल्स ने आरोप लगाया, ‘‘ईयूएसडी का अष्टांग योग कार्यक्रम जनता के विश्वास का गंभीर उल्लंघन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता को कुचलने के सरकारी प्रयास का स्पष्ट मामला है।’’ ब्रोयेल्स ने आरोप लगाया, ‘‘यह कार्यक्रम बहुत विभाजक है और इसका परिणाम उन बच्चों को शोषण, भेदभाव, छींटाकशी और अलगाव के रूप में भुगतना पड़ा जिन्होंने इस कार्यक्रम को अच्छे कारणों से अपनाया था।’’
इस जिले में केपी जोईस संस्था की ओर से योग के लिए 533,720 अमेरिकी डॉलर का अनुदान मिलने के बाद स्कूलों में योग शुरू किया गया था।
इस कार्यक्रम से अभिभावकों में रोष फैल गया। उनका मानना है कि अष्टांग योग उनके धार्मिक आस्था पर चोट कर रहा है।
उधर जोईस संस्था के प्रमुख कार्यकरी अधिकारी यूजीन राफिन ने अभिभावकों के आरोपों से इंकर करते हुए कहा, ‘‘योग के बहुत से सकारात्मक पक्ष हैं। वे सब कारगर हैं लेकिन हम किसी योग विशेष पर जोर नहीं दे रहे हैं।’’
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