
- गाजा में इजरायली सेना की गोलीबारी में दो सहायता केंद्रों के पास 39 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए हैं.
- गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने हमास पर ही अशांति फैलाने और नागरिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है.
- इजरायली सेना ने कहा कि सैनिकों को खतरा बनने वालों को चेतावनी दी गई, गोलीबारी की घटना की समीक्षा हो रही है.
भूखे गाजावासियों पर इजरायली सेना के हमले लगातार जारी हैं. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार, 19 जुलाई को कहा कि दो सहायता केंद्रों के पास इजरायली गोलीबारी में 39 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए. इस तरह भोजन की खोज में सहायता केंद्रों में लाइन में लगे फिलिस्तीनियों की हत्या का आंकड़ा और बढ़ गया है.
गाजा में भोजन के लिए खुले नाममात्र के सहायता केंद्रों के पास भारी भीड़ में मदद का इंतजार कर रहे लोगों की मौत एक नियमित घटना बन गई है, क्षेत्र के अधिकारी अक्सर इजरायली हमलों को इसके लिए दोषी ठहराते हैं. हालांकि गाजा में सहायता बांटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों की जगह लेने वाले अमेरिका और इजराइल समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) ने उग्रवादी समूह हमास पर अशांति फैलाने और नागरिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है.
गाजा नागरिक सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बस्सल ने कहा कि मौतें दक्षिणी गाजा में खान यूनिस के दक्षिण-पश्चिम में एक स्थल और राफा के उत्तर-पश्चिम में एक अन्य केंद्र के पास हुईं, जिसके लिए "इजरायली गोलीबारी" को जिम्मेदार ठहराया गया.
तीन अन्य गवाहों ने भी इजरायली सैनिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया.
इजरायली सेना का क्या कहना है?
इस दावे के जवाब में इजरायली सेना ने कहा कि उसने "उन संदिग्धों की पहचान की है जो राफा क्षेत्र में उनके ऑपरेशन के दौरान सैनिकों के लिए खतरा बनकर उनके पास आए थे". सैनिकों ने उन्हें वापस लौटने के लिए कहा और ''जब वे नहीं माने, तो सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं'', इसमें कहा गया कि उन्हें मरने वालों की खबर है.
एक बयान में कहा गया, "घटना की समीक्षा की जा रही है. सहायता बांटने वाले स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर रात के समय गोलियां चलाई गईं, जब केंद्र पर कुछ नहीं बंट रहा था."
वहीं गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने कहा कि उसकी साइटों के पास मौतों की खबरें "झूठी" थीं. उसने एक्स पर लिखा है, "हमने सहायता चाहने वालों को बार-बार चेतावनी दी है कि वे रात भर और सुबह जल्दी हमारी साइट पर न आएं."
दूसरी तरफ नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि मध्य गाजा में नुसीरात के पास एक घर पर इजरायली हमले में 12 लोग मारे गए, जो घातक बमबारी की श्रृंखला में लेटेस्ट है.
7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के घातक हमले से शुरू हुए गाजा युद्ध ने तटीय क्षेत्र में रहने वाले 20 लाख से अधिक लोगों के लिए गंभीर मानवीय स्थितियां पैदा कर दी हैं. अधिकांश लोग जंग के कारण कम से कम एक बार विस्थापित हुए हैं, और डॉक्टरों और सहायता एजेंसियों का कहना है कि वे 21 महीने के युद्ध के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावों को देख रहे हैं, जिसमें अधिक तीव्र कुपोषण भी शामिल है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि गाजा में तीन में से लगभग एक व्यक्ति कई दिनों से खाना नहीं खा रहा है और "हजारों" लोग "विनाशकारी भूख के कगार पर" हैं. वहीं फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, यूएनआरडब्ल्यूए ने शनिवार को कहा कि उसके पास पूरे गाजा के लिए तीन महीने से अधिक समय के लिए पर्याप्त भोजन था, लेकिन इसे गोदामों में जमा कर दिया गया और बांटने से रोक दिया गया.
बीते मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि उसके अनुसार गाजा में खाना लेने की कोशिश करते कम से कम 875 लोगों की हत्या के आंकड़े उसके पास हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, इजरायल पर हमास के 2023 के हमले में 1,219 लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकांश इजरायली नागरिक थे. वहीं गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल की जवाबी सैन्य कार्रवाई में 58,765 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.
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