पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया से वह चकित हैं. साथ ही, इमरान खान के मुताबिक इस विषय ने 70 साल से (भारतीय) उपमहाद्वीप को उलझा रखा है. दरअसल, जनवरी 2016 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर किये गए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं कर रहा है और नयी दिल्ली यह कहता आ रहा है कि वार्ता एवं आतंकवाद साथ-साथ नहीं हो सकते. अमेरिका की तीन दिनों की यात्रा पर गए इमरान खान ने इस संबंध में ट्वीट किया है. उनके इस ट्वीट पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं.
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3. Surprised by reaction of India to Pres Trump's offer of mediation to bring Pak & India to dialogue table for resolving Kashmir conflict which has held subcontinent hostage for 70 yrs. Generations of Kashmiris have suffered & are suffering daily and need conflict resolution.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 23, 2019
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लिखा: "उपमहाद्वीप को 70 साल से उलझा कर रखने वाले कश्मीर मुद्दे के हल के लिए वार्ता की मेज पर पाक और भारत को लाने के लिए मध्यस्थता करने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया से चकित हूं." पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी की अपनी पहली यात्रा की समाप्ति पर कहा, "कश्मीर की कई पीढ़ियों ने इसे (कश्मीर मुद्दे को) झेला है और वे रोजाना इसे झेल रहे हैं तथा संघर्ष का समाधान किये जाने की जरूरत है."
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गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाऊस में इमरान खान के साथ अपनी बैठक में सोमवार को कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, भारत ने ट्रंप के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि नयी दिल्ली का यह रूख बरकरार है कि पाकिस्तान के साथ लंबित सभी मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय चर्चा होगी. बता दें कि इमरान खान के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पाकिस्तान के साथ कश्मीर विवाद में मध्यस्थता करने के लिए कहा था. हालांकि भारत ने इसके कुछ ही घंटों बाद ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया था.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है." अब इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति के एक शीर्ष सलाहकार ने मंगलवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप मनगढ़ंत बातें नहीं करते हैं. ट्रंप के मुख्य आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो से व्हाइट हाउस में जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या यह (राष्ट्रपति का दावा) मनगढ़ंत है तो उन्होंने कहा, 'यह बहुत अशिष्ट सवाल है.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति मनगढ़ंत बातें नहीं करते हैं. मेरी राय में यह बहुत ही अशिष्ट सवाल है. मैं इसका कोई जवाब नहीं दूंगा . यह मेरे क्षेत्र से बाहर का है. यह (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन)बोल्टन, (विदेश मंत्री) पोम्पिओ और राष्ट्रपति के लिये है. इसलिए मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करने जा रहा हूं. राष्ट्रपति कुछ भी मनगढ़ंत बातें नहीं करते हैं."
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