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This Article is From Jan 02, 2014

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पड़ा दिल का दौरा

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पड़ा दिल का दौरा
फाइल फोटो
इस्लामाबाद:

देशद्रोह के एक बेहद गंभीर मामले में सुनवाई के लिए विशेष अदालत जा रहे पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को रास्ते में दिल का दौरा पड़ने की वजह से सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया।

एपीएमएल प्रवक्ता ने बताया कि परवेज मुशर्रफ को दिल का जबरदस्त दौरा पड़ा है। वह होश में हैं, लेकिन उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है।

मुशर्रफ के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. रजा बुखारी ने एक बयान जारी कर कहा, हम इस बात की पुष्टि करते है कि पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ को पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बुखारी ने बताया कि मुशर्रफ होश में हैं और पाकिस्तीनी सेना के डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम अल्लाह से उनके जल्द और पूरी तरह ठीक होने की दुआ करते हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक जान मोहम्मद ने विशेष अदालत को सूचित किया कि मुशर्रफ (70) ने अदालत के रास्ते में दिल की समस्या की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें रावलपिंडी स्थित सैन्य अस्पताल ले जाया गया।

देश का यह पूर्व सैन्य तानाशाह वर्ष 2007 में संविधान को निलंबित, नष्ट और निरस्त करते हुए देश में आपातकाल लागू करने और उच्चतर न्यायालयों के न्यायाधीशों को हिरासत में लेने के मामले में आरोपी हैं।

इस मामले में दोषी पाए जाने पर मुशर्रफ को मृत्युदंड या उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

अदालत के बाहर मुशर्रफ के वकील अहमद रजा कसूरी ने कहा, वह अदालत आना चाहते थे, लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गयी और इस वजह से उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। खुदा उन्हें सलामत रखे। जब उनसे पूछा गया कि क्या मुशर्रफ अदालत से भयभीत थे, तो कसूरी ने कहा, वह एक कमांडो हैं और एक कमांडो का स्वभाव होता है कि वह डरता नहीं। इससे पहले भी मुशर्रफ रास्ते में बम पाए जाने के बाद अदालत में पेश नहीं हो पाए थे। आज वह चक शहजाद स्थित अपने भव्य फार्महाउस से अदालत के लिए रवाना तो हुए थे, लेकिन बीच रास्ते में ही उनका काफिला अस्पताल की ओर मुड़ गया।

इससे पहले आज दिन की शुरुआत में विशेष अदालत में काफी नाटकीय घटनाक्रम देखा गया, जहां मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर ने अपने घर के बाहर कथित हंगामे की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाने का अदालत में हवाला दिया। मंसूर ने अदालत से कहा, मैं खतरे में हूं.. देर रात एक बजे से लेकर सबुह पांच बजे तक कोई मेरे दरवाजे की घंटी बजाता रहा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपने 40 वषरें के करियर में उन्होंने ऐसी किसी घटना का सामना नहीं किया।

अदालत ने उन्हें इस मामले की जांच का भरोसा दिया, लेकिन वह अदालत से बाहर चले गए और उनके पीछे मुशर्रफ के कानूनी दल के अन्य सदस्य भी अदालत से बाहर चले गए।

मुशर्रफ के खिलाफ चल रहा देशद्रोह का यह मामला देश की मुखर असैन्य सरकार और शक्तिशाली सेना के बीच के संबंधों का परीक्षण है।

मुशर्रफ के कानूनी दल के प्रमुख शरीफुद्दीन पीरजादा ने दावा किया कि इस मामले में मुख्य अभियोजक एडवोकेट अकरम शेख ने बैरिस्टर इब्राहिम सत्ती के जरिये उन्हें कथित रूप से धमकी दी है। सत्ती पूर्व राष्ट्रपति के एक अन्य वकील हैं।

इसके बाद मुशर्रफ के फार्महाउस से लेकर अदालत परिसर तक कड़ी सुरक्षा के बीच उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई दोबारा शुरू हुई।

अदालत ने मुशर्रफ को आज पेश होने का आदेश दिया था और ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ व्यवस्था सुनाने की चेतावनी दी थी। मुशर्रफ के कानूनी दल ने विशेष अदालत में याचिका दायर कर उन्हें सोमवार तक पेशी से छूट देने की अपील की थी।

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