
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज...
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ पनामा पेपर मामले में जांच करने वाले संयुक्त जांच दल ने शरीफ की बेटी मरियम पर जाली दस्तावेज सौंपने का आरोप लगाया है.
छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने शरीफ परिवार के व्यापारिक लेनदेन की जांच की और पाया कि उनके परिवार के पास आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की.
शीर्ष अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की कि शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ-साथ उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
उसने यह भी आरोप लगाया कि मरियम ने जांच दल को जाली दस्तावेज सौंपे जो पाकिस्तानी कानूनों के तहत अपराध है. मरियम के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के अलावा यह एक अतिरिक्त आरोप है.
जेआईटी ने यह भी कहा कि मरियम और उनके भाइयों हुसैन और हसन और पति मोहम्मद सफदर ने शीर्ष अदालत को गुमराह करने के लिए जाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.
रिपोर्ट को खारिज करते हुए मरियम ने कहा, जेआईटी रिपोर्ट खारिज की जाती है. हर विरोधाभास को न सिर्फ चुनौती दी जाएगी बल्कि इसे उच्चतम न्यायालय में विफल कर दिया जाएगा. इसमें सरकारी खजाने का एक भी पैसा शामिल नहीं है.
43 वर्षीय मरियम को उनके पिता के उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार किया जा रहा है और ये आरोप उनकी महत्वाकांक्षाओं पर
तुषारापात कर सकते हैं.
(इनपुट भाषा से)
छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने शरीफ परिवार के व्यापारिक लेनदेन की जांच की और पाया कि उनके परिवार के पास आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की.
शीर्ष अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की कि शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ-साथ उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
उसने यह भी आरोप लगाया कि मरियम ने जांच दल को जाली दस्तावेज सौंपे जो पाकिस्तानी कानूनों के तहत अपराध है. मरियम के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के अलावा यह एक अतिरिक्त आरोप है.
जेआईटी ने यह भी कहा कि मरियम और उनके भाइयों हुसैन और हसन और पति मोहम्मद सफदर ने शीर्ष अदालत को गुमराह करने के लिए जाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.
रिपोर्ट को खारिज करते हुए मरियम ने कहा, जेआईटी रिपोर्ट खारिज की जाती है. हर विरोधाभास को न सिर्फ चुनौती दी जाएगी बल्कि इसे उच्चतम न्यायालय में विफल कर दिया जाएगा. इसमें सरकारी खजाने का एक भी पैसा शामिल नहीं है.
43 वर्षीय मरियम को उनके पिता के उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार किया जा रहा है और ये आरोप उनकी महत्वाकांक्षाओं पर
तुषारापात कर सकते हैं.
(इनपुट भाषा से)
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